खबर है कि बेऊर के थानाध्यक्ष राकेश यादव की शिकयत निगरानी अन्वेषण ब्यूरो को दो दिन पहले ही मिल गयी थी। एक फरियादी की शिकायत थी कि मारपीट के एक मामले में निबटारे को लोकर थानेदार द्वारा बड़ी रकम की मांग की जा रही है।
इसके बाद निगरानी टीम के अफसरों ने कार्रवाई की रणनीति तैयार एवं उसी रणनीति के तहत आज जैसे ही शिकायती रकम को लेकर थानेदार के पास वह पहुंचा, वहां पहले से ही अपनी जाल बिछा कर घात लगा बैठे निगरानी टीम ने धावा बोल दिया और रिश्वतखोर थानेदार राकेश यादव को रंगे हाथ दबोच लिया गया। निगरानी टीम का नेतृत्व डीएसपी स्तर के एक अधिकारी कर रहे थे।
बता दें कि हाल ही में प्रतिबंधित शराब के काले धंधे में संलिप्ता को लेकर एसएसपी मनु महाराज द्वारा समूचे बेऊर थाना लाइन हाजिर कर दिया गया था। उस मामले में बेउर थाने में तैनात दो पुलिस वाले को उनकी सेवा से बर्खास्त भी कर दिया गया था। ऐसे में थानेदार राकेश यादव की रिश्वतखोरी से साफ स्पष्ट होता है कि बेऊर थाना उस बड़ी कार्रवाई का भी कोई खास असर नहीं पड़ा।
निगरानी सूत्रों के अनुसार बेऊर थानेदार के खिलाफ कच्ची दरगाह के रहनेवाले अमरेंद्र कुमार ने शिकायत की थी। बेऊर में उनकी जमीन है। इस जमीन को लेकर दूसरे पक्ष से उनका विवाद चल रहा है। इस विवाद क सिलसिले में हुए बेऊर थाना में एफआइआर दर्ज कराना चाहते थे, लेकिन थानेदार एफआइआर दर्ज करने को तैयार नहीं था। तब परेशान होकर अमरेंद्र कुमार निगरानी के पास पहुंचे थे। ब्यूरो के महानिदेशक रवींद्र कुमार को पूरे मामले की जानकारी देकर कार्रवाई को अंजाम दिया गया है।