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नालंदा में भ्रष्टाचारी बेलगाम, शौचालय निर्माण में गर्दन फंसता देख साझीदार को पीटा

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में भ्रष्टाचारी किस तरह बेलगाम हो चुके हैं, उसका अंदाजा राकेश कुमार के साथ हुई घटना से लगाया जा सकता है।“

हिलसा (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। मूलत: हिलसा थाना के अकबरपुर गांव निवासी राकेश कुमार अहले सुबह एक ग्रामीण के घर मोबाईल पहुंचाने गए थे। तभी वहां गांव के ही कुछ लोग अपने-अपने हाथ में लाठी-डंडा और लोहे का रॉड लेकर आए और गॉलीग्लौज करने लगे।

राकेश द्वारा विरोध जताए जाने पर सभी लोग पिटाई करने लगे। पिटाई से बचने के लिए राकेश अपनी घर की ओर भागा तो लोग वहां भी पहुंच कर पिटाई करने लगे। राकेश को पिटाते देख आसपास के लोगों का धैर्य का बांध टूटा और लोग दौड़े तो सभी वहां से भाग गए।

पिटाई से जख्मी हुए राकेश ने बताया कि कुछ माह पहले उनके गांव में हुई सभा में अकबरपुर पंचायत को खुले में शौच मुक्त होने की घोषणा जिला-प्रशासन द्वारा कर दी गई।

जिला-प्रशासन के दावे और हकीकत काफी भिन्नता पाए जाने पर इसकी शिकायत अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी (पीजीआरओ) के पास दर्ज करवाई गई।

शिकायत में शौचालय निर्माण में सरकारी राशि के हेर-फेर का आरोप लगाया गया। सुनवाई के दौरान स्थानीय पदाधिकारी द्वारा समर्पित रिपोर्ट से असंतुष्ट होने पर प्रथम अपीलीय पदाधिकारी के कार्यालय में अपील दर्ज कराई गई।

तत्पश्चात जिले के पदाधिकारी गांव पहुंचकर मामले की जांच की। इसी मामले में शनिवार को बिहारशरीफ में प्रथम अपीलीय पदाधिकारी संजीव कुमार सिन्हा के कार्यालय में जाना निर्धारित था।

जख्मी राकेश का आरोप है कि शौचालय निर्माण में घपले के मुख्य सूत्रधार कृष्णनंदन शर्मा इनके घर पर आए बिहारशरीफ जाने से मना किए और बात नहीं मानने पर अंजाम भुगतने की धमकी दी।

कृष्णनंदन के मना करने के बाबजूद बिहारशरीफ पहुंचकर प्रथम अपीलीय पदाधिकारी के यहां हाजिरी लगा दी। इससे नाराज कृष्णनंदन शर्मा अपने सहयोगियों की मदद से पिटाई कर जख्मी कर दिए।

राकेश रह चुका है कृष्णनंदन का सहयोगी, हिस्सेदारी नहीं मिलने पर शुरु हुआ है विवाद

शौचालय निर्माण में कथित घपले को उजागार कर सुर्खियों में आए राकेश कुमार पहले कृष्णनंदन शर्मा का प्रमुख सहयोगी रह चुका है। खुद राकेश द्वारा इसका खुलासा तब किया गया जब लेन-देन में विवाद हुआ।

अकबरपुर पंचायत को जिला प्रशासन द्वारा ओडीएफ घोषित किए जाने के बाद कृष्णनंदन और राकेश के बीच हिसाब-किताब हुआ था। इस दौरान एक हजार रुपये प्रति शौचालय का बंटवारे में अंतर हुआ। इस हकमारी से काफी नाराज राकेश अधिकारियों के पास शिकायत दर्ज करानी शुरु कर दी।

शुरुआती दौर में हकमारी की शिकायत करने वाले राकेश को जैसे-जैसे दस्तावेज हाथ लगा वैसे-वैसे आरोपों और शिकायतों का दायरा भी बढ़ाते गया।

निर्मित अधिकांश शौचालय त्रुटिपूर्ण

अकबरपुर गांव निवासी राकेश कुमार की मानें तो स्वच्छता अभियान के तहत निर्माण कराए गए अधिकांश शौचालय त्रुटिपूर्ण है।

सरकारी दावे के मुताबिक अकबरपुर पंचायत में तीन सौ बयालीस शौचालय का निर्माण कराया जा चुका है। इसमें से एक सौर पंद्रह शौचालय सिर्फ अकबरपुर गांव में कराए जाने का दावा किया गया है। जबकि हकीकत सरकारी दावे के ठीक विपरीत है।

दावे में से मात्र साठ फीसदी ही शौचालय का निर्माण कराया गया है। शौचालय निर्माण में सरकारी मार्ग दर्शन का कोई ख्याल नहीं रखा गया।

छह लाभुकों का अब तक नहीं बना है शौचालय

शौचालय निर्माण में गोलमाल का खुलासा करने वाले अकबरपुर गांव निवासी राकेश कुमार की मानें तो आधा दर्जन लाभुक के घर अबतक शौचालय का निर्माण नहीं कराया जा सका है।

ऐसे लाभुकों में संजू देवी, कौशल्या देवी, अर्चना देवी, दहौड़ मांझी, सुशीला देवी एवं सुगम्बर सिंह शामिल हैं।

मामले में हुई दो एफआईआर, 10 लोग नामजद

अकबरपुर गांव में शौचालय निर्माण में घपले-घोटाले के कथित आरोप को लेकर रविवार की सुबह दो पक्षों के बीच हुई झड़प के मामले में हिलसा थाने में दो अलग-अगल एफआईआर दर्ज कराई गई।

थानाध्यक्ष रत्न किशोर झा ने इसकी पुष्टि करते हुए बताए कि पहला एफआईआर राकेश कुमार तथा दूसरा एफआईआर सियाराम शर्मा के लिखित आवेदन पर दर्ज किया गया है।

दोंनो एफआईआर में पांच-पांच लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया। दोंनो मामले की गहराई से छानबीन शुरु कर दी गई।

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