“निगरानी विभाग द्वारा की गई कार्रवाई की अपनी अलग प्रक्रिया है। जोकि काफी एतिहात बरतने के उपरांत की जाती है। हिलसा सीओ के खिलाफ भी सब कुछ ट्रेस किये जाने के बाद ही किया गया होगा। ऐसे में उसे लेकर कहीं भी प्रशासनिक अराजकता उत्पन्न करने का प्रयास उनकी सरकार में अक्ष्मय है।…ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार “
पटना। निगरानी विभाग द्वारा हिलसा के सीओ सुबोध कुमार को 20,000 की रिश्वत लेते हुये रंगे हाथ दबोचे जाने के बाद समूचे नालंदा जिले में अजीबोगरीब स्थिति उत्पन्न हो गई है। नीतिश सरकार की भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति को उनके ही गृह जिले के सरकारी मुलाजिमों ने ठेंगा दिखा दिया है।
आश्चर्य की बात है कि जिला प्रशासन की ओर से इस संबंध में अग्रेतर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इस संबंध में जब एक्सपर्ट मीडिया न्यूज की ओर से नालंदा के डीएम डॉ त्यागराजन एस एम से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने कोई जबाब देने के बजाय अपना मोबाईल डिस्कनेक्ट कर दिया। बाद में उन्हें कई बार रिंग किया गया लेकिन, वे हर बार घंटी काटते रहे।
उन्होंने कहा कि प्रखंड-अंचल स्तर जो भी अधिकारी सामूहिक अवकाश पर गये हैं या जो भी कर्मचारी अघोषित हड़ताल किये हैं, उनकी गंभीरता से जांच कर कड़ी कार्रवाई की जायेगी। उनकी सरकार किसी कीमत पर भ्रष्टाचार को लेकर प्रशासनिक अराजकता उत्पन्न करने वालों को नहीं बख्शेगी।
मंत्री ने कहा कि वे सारे मामले पर काफी गंभीरता से नजर रखे हुये हैं। जिले के प्रखंडों-अंचलों के कौन-कौन से अधिकारी सामूहिक छुट्टी पर या कौन-कौन से कर्मचारी अघोषित हड़ताल पर गये हैं। वे किसको सूचित कर गये हैं। इन सबकी जांच कराई जा रही है। दोषी पाये जाने पर सबके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी।
उन्होनें बताया कि उन्हें जानकारी मिली है कि निगरानी की कार्रवाई के दिन ही नालंदा के प्रखंड-अंचलों में पदास्थापित सीओ-बीडीओ अपने विभागीय लाव-लश्कर के साथ जिला मुख्यालय बिहारशरीफ समाहणालय पहुंच गये। वे इसकी भी जांच करायेगें कि उन लोगों ने किसकी अनुमति से अपने कार्यालयों से कामकाज छोड़ गायब हुये।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार जी जिन दिन से सत्ता में आये हैं। भ्रष्टाचार पर उनकी नीति जीरो टॉलरेंस का रही है। यहां बड़े-बड़े भ्रष्टाचारियों को जेल में डाल दिया गया तो फिर कोई बचने की गुमान कैसे पाल सकता है।
उन्होंने कहा कि अगर कोई खुद को निर्दोष समझता है तो उसकी अपनी अलग प्रक्रिया है। सब कुछ न्यायालय तय करता है। कोई आरोपी व्यक्ति विशेष या उसके चंद सहयोगी सब कुछ खुद तय कर ले, नीतीश जी के राज में असंभव है।
उन्होंने एक सबाल के जबाव में कहा कि भ्रष्टाचार के समर्थन की राजनीति करने वाले कुछ भी बोलें, वे और उनकी सरकार उसकी कोई चिंता नहीं करती। उनकी सरकार का एक मात्र लक्ष्य है भ्रष्टाचार मुक्त बिहार का निर्माण और सुशासन की मजबूती से स्थापना। इसके लिये सरकार को जो भी कड़े कदम उठाने पड़ेगें, मजबूती से उठायेगें।