एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। नालंदा जिले में शोसल साइट पर ऐसे फर्जी सूचनाओं को वायरल करने से लोग बाज नहीं आ रहे हैं, जो हमारे समाज को हिंसक बनाने के उत्प्रेरक हैं हीं, पुलिस-प्रशासन के लिये भी बड़ा सरदर्द हैं। ऐसे फर्जी अफवाहबाजों से हर स्तर पर कड़ाई से निपटने की जरुरत है। क्योंकि इस तरह की मनगढ़ंत अफवाहों से हाल के दिनों में सिर्फ बिहार-झारखंड के ईलाकों में कई हिंसक वारदातें हुई है और दर्जन भर लोगों की जानें गई है।
‘नालंदा ब्रेकिंग न्यूज’ वहाट्सएप्प ग्रुप पर 9507698207 नबंर से फटाफट नालंदा की खास खबर के तहत कोई रिपोर्टरः-दिवाकर द्वारा ‘भिखारी के भेश में आते हैं, बच्चे को पकड़ कर मार के किडनी निकालने की दरिंदगी!’ शीर्षक से सूचना प्रसारित की गई है…..
“अहले सुबह 9.22 बजे जारी इस सूचना में उल्लेख है कि जमालपुर जिला नालन्दा थाना थरथरी के पास कुछ ऐसा हुआ मानो इन्सान की कीमत नहीं है, जी हां कुछ ऐसा ही देखने को मिला, मांगने वाले और मदारी वाले के भेष में आते हैं ये लोग और छोटे-छोटे बच्चे को ले जाते हैं और उसको काटकर कलेजे और किडनी निकाल लेता था! जिसमें 6-7 लोग पकड़े गये हैं वही लोग कड़ी पूछताछ के बाद 500 सदस्य इस गैंग में शामिल होने की बात क़बूल की है। पुलिस बाकी लोग को खोज रही है। मामले की पूरी तफ्तीश पुलिस कर रही है!
मोहम्मद हमजा अस्थानबी संवाददाता नालंदा ब्रेकिंग न्यूज़”
इस तरह की फर्जी सूचना से तुरंत चारो ओर सनसनी फैल गई। मीडिया वाले पुलिस की घंटी घनघा रहे हैं। लोग मीडिया से सूचना पुष्टि की जानकारी में जुटे हैं। कई गांवों हड़कंप मच गई है।
लोग अनजान भिखारी टाईप अनजान फटेहाल गरीब को भी शंका भरी नजर से देख रहे हैं। यह सूचना नालंदा के बाहर अन्य प्रदेशों के दूर-दराज क्षेत्रों तक फैल काफी तीव्रता से फैल रही है।
जैसे ही हमारी एक्सपर्ट मीडिया न्यूज टीम को इस तरह की वायरल फर्जी असमाजिक सूचनाओं की जानकारी की सूचना मिली तो तत्काल थरथरी थानाध्यक्ष कमलेश सिंह से संपर्क स्थापित किया गया।
इस तरह की सूचना पर थानाध्यक्ष भौंचक रह गये। उन्होंने इस सूचना को किसी मनगढ़ू असमाजिक तत्व की घातक अफवाह बताते हुये कहा कि वे इस मामले की पड़ताल कर दोषी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगें। थाना प्रभारी ने लोगों को ऐसे झूठे अफवाह से बचने की अपील की है।
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज टीम के पास उस ग्रुप के कुछ स्नैपशॉट उपलब्ध हुये हैं। जनहित में उसे जारी किया जा रहा है। ताकि आप ऐसों में अफवाहबाजों को पहचान सकें और असमाजिक हिंसा के बचाव की दिशा में तत्काल पुलिस-प्रशासन की मदद कर सकें, कड़ी कानूनी कार्रवाई के लिये दबाव बना सकें।