नालंदा (राम विलास)। भारत पर पश्चिमी देश हावी हो रहा है। बाहरी लोग हमारी नीतियाँ बना रहे हैं। अपने विकास और समस्याओं के निदान के लिए अपनी नीतियाँ बनानी होगी। भाजपा राष्ट्रवाद के अफीम का गोरखधंधा कर रहा है। देश जावलेश ग्रोथ की ओर तेजी से बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा महात्मा गांधी के नैतिकता और मानवीय तत्व को समझना आवश्यक है। विविधता भारतीय जीवन का सत्य है । लोकतंत्र केवल एक के लिए नहीं बल्कि सबके लिए है।
उन्होंने कहा आज पूरे देश में धर्म और धार्मिक चर्चाएं हो रही है । इससे समाज में दरार पड़ रहा है। धर्म और धार्मिक की जगह धर्मनिरपेक्षता की चर्चा होनी चाहिए ।
सांप्रदायिक व समानता विरोधी संघर्ष में संस्कृति की भूमिका विषय पर बोलते हुए इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा देश बुरे दौर से गुजर रहा है। राम मंदिर बनाने वाले लोग नाथूराम गोडसे का मंदिर बनाने में लगे हैं। उन्होंने शायरी और कविता के माध्यम से नेताओं और कार्यकर्ताओं को खूब गुदगुदाया। तालियां भी खूब बटोरी।
उन्होंने कहा देश की सरहद पर दहशतगर्दों का कब्जा है। मुल्क पर झूठे हमदर्दों का कब्जा है। लड़ना पड़ेगा फिरकापरस्तों के साथ। दुश्मन पूरी धूर्तता के साथ सामने खड़ा है।
राजद् प्रमुख लालू प्रसाद की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि देश में एक ही व्यक्ति है लालू प्रसाद यादव जो सांप्रदायिक ताकतों से लड़ने का हौसला रखते हैं। सेकुलर फोर्स के एकजुट होने की आवश्यकता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि धर्म निरपेक्षता को आगे बढ़ाने में महिलाओं का सहयोग जरूरी है।
ईवीएम मशीन की चर्चा करते हुए इमरान ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा नहीं ईवीएम चुनाव जीती है। भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिए हुए बिना उन्होंने कहा हेलीकॉप्टर से आसमान को पाटने वाले लोगों को बिहार विधानसभा में बुरी पराजय का मुंह देखना पड़ा।
एक कविता करते यह उन्होंने कहा कि भाजपा राष्ट्रवाद की अफीम का गोरखधंधा कर रहा है । मुझे कहने में तनिक भी संकोच नहीं है कि देश का मुखिया अंधा है । सांप्रदायिक ताकतों को उन्होंने दशक दशानन बताया।
सामाजिक न्याय , लोकतंत्र और मीडिया का अंतर्संबंध विषय पर बोलते हुए वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल ने कहा कि राष्ट्रीयता एक पवित्र विचार है। तमिलनाडु की तरह बिहार और उत्तरप्रदेश में भी पिछड़ा वर्ग को आरक्षण मिलनी चाहिए।
उन्होंने कहा बिहार मॉडल की चर्चा पूरे देश में हो रही। सांप्रदायिक शक्तियों को रोकने के लिए क्षेत्रीय पार्टियों और गैर भाजपा दलों को एकजुट होने की समय की पुकार है। क्षेत्रीय दल और कांग्रेस का महागठबंधन बन जाता है तो गुजरात क्या राजस्थान ,मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ से भी भाजपा का सफाया हो सकता है।
उन्होंने कहा निमंत्रण मिले या ना मिले गुजरात विधानसभा चुनाव के प्रचार में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव को सांप्रदायिक ताकतों को रोकने के लिए जाना चाहिए।
प्रोफ़ेसर अरुण कुमार ने विकास की वर्तमान नीति एवं बेरोजगारी विषय पर बोलते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने नारा दिया था “सबका साथ सबका विकास”। लेकिन यह नारा जमीन पर नहीं उतर रही है। गांव के गरीब, किसान, बेरोजगारो का विकास नहीं हो रहा है। देश का युवा रोजगार के लिए परेशान है।
उन्होंने कहा देश में 1970 से गरीबी दूर करने की बात राजनीति दलों के द्वारा हो रही है। जब तक बेरोजगारी दूर नहीं होगी तब तक गरीबी दूर नहीं होगी। देश में सबसे ज्यादा गरीबी , बेरोजगारी , बीमारी और अशिक्षा सुरसा की तरह बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा देश में सबसे बड़ी समस्या है कि बाहरी लोग हमारी नीतियां तय कर रहे हैं। छोटी-छोटी नीतियों को छोड़ दीर्घकालीन नीतियां बनाने की आवश्यकता देश को है ।
उन्होंने कहा उपभोक्तावाद में देश के हर व्यक्ति को फंसा दिया गया है ।पहले चीन और भारत दुनिया का सर्वश्रेष्ठ उन्नत देश था। लेकिन आज भारत पिछड़ गया है। पश्चिमी देश भारत पर हावी हो रहा है। देश की समस्याओं के निदान के लिए अपनी नीतियां बनानी होगी। देश में शहरी क्षेत्र संगठित और ग्रामीण क्षेत्र असंगठित है। इन दोनों के रहन-सहन और विकास में भारी अंतर है। देश में जॉबलेस ग्रोथ बढ़ रहा है। बाजारीकरण तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने कहा एक अमेरिकन 40 भारतीय के बराबर है। देश में गरीबों की नहीं अमीरों की नीतियां चल रही है।
नोटबंदी की चर्चा करते हुए प्रोफ़ेसर अरुण ने कहा कि नोटबंदी का जबरदस्त असर असंगठित क्षेत्रों के किसान , मजदूर और बेरोजगारों पर पड़ा है । उन्होंने जोर देकर कहा कि बाहरी नीतियों पर अंकुश लगाने के लिए सभी दलों को आवाज बुलंद करनी चाहिए। दक्षिण पंथी राजनीति के सरोकार और उनकी चुनावी रणनीति विषय पर जयशंकर प्रसाद गुप्ता ने विचार व्यक्त किया ।
शिविर में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ,रघुवंश प्रसाद सिंह, प्रभुनाथ सिंह, जगतानंद सिंह, मंगनी लाल मंडल, शिवानंद तिवारी, जय प्रकाश यादव, मीसा भारती, अब्दुल वारी सिद्धिकी, भोला यादव, अशोक कुमार सिंह, डा धर्मेन्द्र कुमार, हुमायु अख्तर तारिक, मनोज सिन्हा, बुलो मंडल एवं अन्य प्रमुख लोग उपस्थित थे।
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