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देखिये जुर्रत- “हमारा प्राइवेट स्कूल है, बंद करें या खोलें, नालंदा डीएम क्या उखाड़ लेगें”

“कुकुरमुत्ते की तरह उगे प्राइवेट स्कूल के संचालक नालंदा जिले के डीएम के निर्देश की खुले आम धज्जियां उड़ा रहे हैं। साथ ही वे खुद इस बात स्वीकारोक्ति करते हैं कि इस तरह जिला में और हमारे आस पास भी रोज स्कूल खुल रहे हैं।”

गिरियक (निसार अंसारी)।  कड़ाके की ठंढ को लेकर जिले के सभी स्कूलों सरकारी एवं गैर सरकारी विद्द्यालयों को नालंदा के डीएम ने 18 जनवरी तक बन्द रखने का आदेश जारी किया है। इसके बावजूद जिला के कई प्रखंडों के अनेकों स्कूल अपने समय से खुल रही है।

NAANDA EDUCATION CRIME SCHOOL 1इतना ही नहीं, जब उनसे मीडिया कर्मी इस संबंध में पूछ ताछ करने गयी तो उन्हें ही खरी खोटी सुनाने लगे। कहने लगे कि आप फोटो मेरे पूछे बिना क्यों बनाये।

गिरियक प्रखण्ड के चोरसुआ पँचायत स्थित बकरा गाँव में डिसेंट फेरी लैंड स्कूल नाम के संचालक से जब बात की गई तो कहने लगे कि जिलाधिकारी का निर्देश हमारे पास नहीं है। मेरा तो निजी विद्द्यालय है। हम इसे जब चाहें खोलें या बन्द करें इसमें जिलाधिकारी क्या निर्देश देंगे। वे क्या उखाड़ लेगें।

बता दें कि तीन साल से अधिक समय से यह विद्द्यालय संचालित किया जा रहा है, जहां सीबीएस के आधार पर शिक्षा दिए जाने की बात बोर्ड से ही साफ हो जाता है। लेकिन सीबीएस के आधार पर कितना नियम कानून के तहत क्षेत्र में कुकुरमुत्ते की तर उगे स्थापित विद्द्यालय अनुसरण कर रहे हैं, यह तो जांच से ही पता चल जाएगा।

बहरहाल , गिरियक प्रखण्ड के साथ आस पास के क्षेत्रों में भी बेखौफ जिलाधिकारी के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए स्कूल संचालक अपने निर्धारित समय से बेखौफ होकर स्कूल खोल रहे हैं और कंपकपाती सर्दी में बच्चों को स्कूल आने पर मजबूर करते हैं।

क्योंकि स्कूल खुले होने से गार्जियन के अंदर भी अपने बच्चों के प्रति सेलेब्स छूट जाने का भय होता है और मजबूरन अपने बच्चे को स्कूल भेजते हैं।

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