मगर प्रदेश के गोड्डा जिले से ऐसी ही कुछ चैंकाने वाली तस्वीरें सामने आ रही है, जो कानून और प्रशासन को कठघरे में खड़ा करते नजर आ रही है।
कानून को ठेंगा दिखाने वाली कहानी महगामा थाना क्षेत्र की है। राजमहल परियोजना से निकलकर कहलगांव थर्मल पावर को जाने वाली कोयला गाड़ी जिसे दियाजोरी रेलवे क्रासिंग पर बेरिकेटिंग गिराकर घंटों रोका जाता है, यातायात को पूरी तरह से बाधित किया जाता है और दूसरी तरफ कोयला गाड़ी की रैक से कोयला उतारने का काम धड़ल्ले से शुरू किया जाता है।
ताजा तस्वीरें 3 मार्च दिन करीब 2 बजे की हैं। एनएच-33 पर लगे जाम का नजारा महगामा थाना क्षेत्र के दियाजोरी रेलवे क्रासिंग की है, जहां हर दिन रेलगाड़ी को मुख्य सड़क से सटे रोकककर घंटों रोककर राहगीरों को झूठमूठक का परेषान किया जाता है। हालांकि इस मनमनीी के खिलाफ आवाज भी उठाई जाती है, लेकिन वहां खड़े दो दबंग गार्ड पब्लिक पर ही धौंस जमाते नजर आते हैं।
तपती धूप में हताश परेशान यात्री चिखते हैं, चिल्लाते हैं मगर आलम यह है कि यहां इनकी सुनने वाला कोई नजर नहीं आता। हालांकि ड्यूटी पर तैनात गार्ड की मानें तो कोयले की यह लूट सीआईएसएफ जवानों के आदेश से होती है। यहां कोयला गाड़ी को हर दिन भेकम कराकर खुलेआम कोयला लूटा जाता है।
वहीं महगामा जिला परिषद सदस्य सुरेन्द्र मोहन केसरी के अनुसार कोयले के गोरखधंधे में प्रशासन, प्रबंधन और माफियाओं की मिलीभगत है। यहां हर महीने 50 लाख रूपये का कोयला रेल रोककर लूट लिया जाता है।
दबंगई से चल रहे इस गोरखधंधे से एक बात तो तय है कि यहां रक्षक ही जब भक्षक बने बैठे हों तो सुशसन की कल्पना कैसे की जा सकती है? अब देखना दिलचस्प होगा कि समय रहते इन हालातों को बदलने की व्यवस्था जल्द से जल्द बन पाती है या नहीं।