एक अखबार एवं न्यूज एजेंसी के लिये संयुक्त रुप से समाचार लेखन-संप्रेषण का कार्य करने वाले पत्रकार ने जब नालंदा जिले राजगीर थाना में पदास्थापित जमादार का शराब के नशे में धुत होकर हंगामा करने का वीडियो वायरल हुआ तो उसकी पुष्टि के के दौरान पिटाई करते हुये थाने के हाजत में बंद कर दी गई।
इसकी सूचना मिलने के बाद राजगीर थानाध्यक्ष, डीएसपी, एसपी को दर्जनों बार फोन किया गया। उसके बाद संपर्क स्थापित होते ही नालंदा एएसपी एसपी मिश्रा को मामले की जानकारी दी गई। उन्होनें मामले पर फौरिक संज्ञान लेते हुये राजगीर डीएसपी को थाने भेजा। वहां डीएसपी ने पत्रकार को हाजत से बाहर निकलवाया और अपने सामने लिखित शिकायत लिखवाया।
उस शिकायत के आधार पर दर्ज राजगीर कांड संख्या 269/18 में उल्लेख है कि…..
“ मैं राजीव रंजन कुमार, पिता राम प्रसाद सिंह, ग्राम-पोस्ट राजगीर, जिला नालंदा का निवासी हूं और जनादेश एवं पीएनआई न्यूज एजेंसी के नालंदा ब्यूरो के रुप में समाचार का प्रसारण करता हूं।
आज दिनांक 16.09.2018 को रात्रि करीब8.22 में सूचना मिली कि राजगीर थाना में पदास्थापित एएसआई जबाहर प्रसाद शराब के नशे में धुत हैं। इस खबर की पुष्टि के लिये मैं उनके नशे की हालत का वीडियो उपलब्ध कराना चाहा तो अचानक वो शराब के नशे में राजगीर थाना के पिछले गेट से वर्दी में प्रवेश कर किये और अपना आवास खोल रहे थे, जो कैमरे में कैद हो रही थी।
इसी दौरान उन्होंने मेरे साथ अभद्र व्यवहार करते हुये मारपीट की। उनके साथ इस अपराध में थाने के दो-तीन अन्य स्टाफ ने भी साथ दिये।
उसके बाद नशे की हालत में ही कॉलर पकड़ कर थाने के हाजत में बंद कर दिया। जबकि मैं बताता रहा कि पत्रकार हूं। फिर गाली गलौज मारपीट किया। ”
सवाल उठता है कि जब 8.22 में डीएसपी खुद थाना पहुंचकर पीड़ित पत्रकार से सामने बैठ कर शिकायत लिखवाई तो उस समय शराबी जमादार कहां था। 22.30 को उसके साथ कोई थाना परिसर में घुस कर मारपीट और लूटपाट कैसे की। क्या उस समय पूरा थाना परिसर सुरक्षा वीहिन था।
सबसे बड़ा सवाल कि 8.32 की घटना के बाद जब शराबी जमादार के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कर ली गई थी तो फिर 10.30 में उसने थानाध्यक्ष को मारपीट-लूटपाट की घटना को सूचित करते हुये राजगीर सदर अस्पताल के बजाय सीधे बिहारशरीफ सदर अस्पताल में ईलाज कराने कैसे पहुंच गया।
घटना के बाद एक वरिष्ठ संगठन पत्रकार ने जब शराबी जमादार की मेडिकल जांच कराने की बात की तो एसपी ने साफ तौर पर कहा था कि आरोपी को ट्रेस किया जा रहा है। ट्रेस होने पर कार्रवाई होगी। इसकी ऑडियो भी उसके पहले वायरल हो चूकि थी, जिसे थानाध्यक्ष ने भी रीड किया था। उसके पहले वायरल वीडियो को भी थानेदार ने बखूबी रीड किया था। ( आगे जारी…..)