एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। विगत 11 जुलाई को नालंदा जिला मुख्यालय बिहारशरीफ नगर निगम की जमीन पर वाटर वोरिंग-टंकी निर्माण के दौरान एक अधिवक्ता के साथ उपजे विवाद की जड़ से शुरु पुलिस के खिलाफ अधिवक्ता संघ की जारी आंदोलन लगभग पटरी पर आ गई है।
अधिकारिक सूत्रों के अनुसापर शीर्ष जिला प्रशासन भी मानती है कि पुलिस की कथित अवैधानिक कार्यशैली को लेकर आक्रोशित अधिवक्ताओं से प्रशासनिक-न्यायायिक कार्यों पर प्रतिकुल असर पड़ रहा है। इससे आम जनता में भी भ्रम और भय का माहौल कायम है। इसके बीच पुलिस-वकील के बीच उत्पन्न विवाद का हल अतिशीघ्र करने पर अधिवक्ता संघ भी राजी हैं।
उधर जिला अधिवक्ता संघ भी अंदर से उसी भावना में आ चुकी है। वह भी स्वीकार करती है कि उत्न्न टकराव-गतिरोध की स्थिति से आम जन में सही संदेश नहीं जा रहे। आम जन को कठिनाई हो रही है।
अधिवक्ता संघ ने नगर आयुक्त श्री जोरवाल के प्रशासन के साथ सीधी वार्तालाप पर आमंत्रण पर ने सिर्फ एक शर्त रखी है कि सारी वार्तालाप जिला एवं सत्र न्यायाधीश की मौजूदगी में हो। इस शर्त को जिला प्रशासन ने भी स्वीकार कर लिया है।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश अभी जिले से बाहर हैं। वे सोमवार को वापस लौटेगें। तय है कि सोमवार को जिला प्रशासन के साथ उनकी उपस्थिति में अधिवक्ता संघ की बैठक होगी और जारी विवाद का हल निकल जायेगा। वकीलों की हड़ताल समाप्त हो जायेगी और सारे न्याययिक कार्य पहले की तरह पटरी पर लौट आयेगी।