नगरनौसा (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। नालंदा जिले में सीएम सात निश्चय योजनाओं के उल्लेखनीय क्रियान्वयन को लेकर भले ढिढोंरे पीटे जा रहे हों, लेकिन यह भी एक कड़वा सच है कि यहां हर तरफ सरकारी योजनाओं में लूट मची है और यत्र-तत्र छोड़ प्रायः जमीनी हकीकत कुछ अलग वयां करती है।
नालंदा जिले के नगरनौसा प्रखंड के गोराईपुर पंचायत के गिलानीचक गांव में अचानक धाराशाही हुये जलमीनार की पड़ताल में एक सनसनीखेज तत्थ उभरकर सामने आये हैं।
गिलानीचक जदयू-भाजपा नीत नीतिश सरकार के कद्दावर मंत्री ललन सिंह का पैत्रिक गांव है। इस गांव के वार्ड संख्या-05 की सचिव सुधीर राम का कहना है कि जल-नल योजना के तहत जलमीनार निर्माण के लिये करीब 13 लाख रुपये की सरकारी राशि प्राक्कलित थी। उसमें वार्ड समिति को करीब 11 लाख रुपये आवंटित किये गये।
बकौल सचिव सुधीर राम, वार्ड समिति के खाते में 11 लाख उपलब्ध कराने की एवज में पंचायत सचिव की मिलीभगत से मुखिया पति ने दबाव डालकर वार्ड सदस्य के खाते की क्रमशः 304429 एवं 304430 संख्या की दो चेक हड़प लिये,जोकि मध्य बिहार ग्रामीण बैंक की लोदीपुर नगरनौसा शाखा के खाता संख्या- 71750100167276 से निर्गत थे।
उन दोनों चेक में एक चेक संख्या-304429 का भुगतान दिनांकः 09.10.2017 को 1,50,000.00 (एक लाख पचास हजार) रुपये राजनंदन के नाम से एवं दूसरे चेक संख्या-304430 का भुगतान दिनांकः 12.10.2017 को 5,71,000.00 (पांच लाख इकहत्तर लाख) रुपये रंजन चौधरी के नाम से भुगतान हुआ।
सचिव सुधीर राम का कहना है कि पंचायत मुखिया पति ने उस समय बताया था कि राजनंदन और रंजन चौधरी उसी का दो अलग-अलग नाम है।
उधर, वार्ड सचिव से पैसे लेने की बात स्वीकार करते हुये मुखिया पति राजू चौधरी ने बताया कि उसे जो राशि चेक द्वारा दी गई थी, उसे वार्ड समिति की सहमति प्राप्त थी। उसने उस राशि की एवज में जलमीनार निर्माण में लगे सामग्री की आपूर्ति किया था।
हालांकि, इस अवैध लेन-देन से एक रोचक घटना भी जुड़ा है। करीव दो माह पहले वार्ड सचिव और मुखिया पति के बीच नगरनौसा स्थित ग्राम सेवक के आवास पर जमकर मारपीट व कुर्ता फाड़ा-फाड़ी भी हुई थी।
वार्ड सचिव का कहना था कि मुखिया ने धोखे से ब्लैंक चेक ले लिया। उधर मुखिया पति का कहना था कि उसका जो ‘अधिकार-हिस्सा’ बनता है, उसे वह लिया।
गणीमत है कि तब यह मामला थाना में नहीं पहुंचा, अन्यथा भ्रष्टाचार का यह खेल उसी समय उजागर हो जाता।
बहरहाल अब देखना है कि बिहार सरकार में श्री ललन सिंह सरीखे कबीना मंत्री के गांव होने के कारण अचानक सुर्खियों में आया यह मामला आगे क्या गुल खिलाता है।
डीएम के निर्देश पर बीडीओ के बजाय पंचायत सेवक द्वारा जेई समेत वार्ड क्रियान्वयन व संचालन समिति से जुड़े 8 सदस्यों के खिलाफ दर्ज एफआईआर खानापूर्ती बन कर रह जाती है या इससे जुड़े अन्य पहलुओं की भी जांच कार्रवाई होती है।