“सीएम नीतिश कुमार के गृह जिला-थाना क्षेत्र में उन्हीं के पार्टी के प्रदेश छात्र इकाई के महासचिव राकेश कुमार की सड़ी-गली लाश बरामद हुई है। राकेश पिछले 29 मई से लापता थे। परिजन पहले से ही अपहरण कर हत्या कर देने की आशंका प्रकट कर रहे थे, लेकिन तब पुलिस ने फौरिक कार्रवाई नहीं की। बाद में जदयू से जुड़े लोग इस घटना को लेकर सड़क पर उतर आये तो पुलिस बीते कल हरकत में आई और आज यह ‘सफलता’ पाई है।”
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। खबर है कि छात्र जदयू के प्रदेश महासचिव राकेश कुमार का क्षत विक्षत शव हरनौत (बेना) थाना क्षेत्र के पचौड़ा-अलीनगर गांव के खंधे में मिला है। जमीन में शव को गाड़ा गया था।
राकेश हरनौत के खरुआरा गांव के रहने वाले थे। 29 मई से वे गायब थे। परिजन ने इस मामले में अपहरण कर हत्या की आशंका जताते हुए तीन के विरुद्ध एफआईआर करायी थी।
लेकिन पुलिस ने तब मामले को हल्के में लिया और आरोपियों के प्रति अपेक्षित कार्रवाई नहीं की। पुलिस पर आरोपियों से मिले होने समेत अनेक तरह के गंभीर आरोप लग रहे हैं।
शनिवार को हरनौत के डिहरा गांव में एफएसएल व डॉग स्क्वॉयड की टीम मामले की छानबीन करने पहुंची थी। गांव निवासी दीपक कुमार के घर में राकेश को आखिरी बार देखा गया था। उसी स्थान पर हत्या किये जाने की आशंका प्रकट की जा रही है।
कल की छानबीन के दौरान पुलिस को गांव के एक कुएं से राकेश की एक चप्पल और खून से सने कपड़े मिले थे। इसके बाद पुलिस साफ समझ गई कि राकेश की हत्या हो गई है।
इससे पहले शुक्रवार को गायब राकेश की बरामदगी के लिए खरुआरा के लोगों ने चंडी मोड़ के पास पांच घंटे तक एनएच 31 को जाम रखा था। परिजन घटना के दिन से ही अनहोनी की आशंका जता रहे थे।
रविवार को खंधे में जानवर चराने गये पशुपालकों की नजर जमीन में गाड़े गये शव के कुछ निकले हिस्से पर पड़ी। शव काफी क्षतविक्षत था। कीड़े लगे हुए थे। उसके बाद पुलिस को सूचना दी गयी।
राकेश जदयू से पिछले चार साल से जुड़े थे। डेढ़ साल पहले वे छात्र जदयू के प्रदेश महासचिव बनाये गये थे। वे अपने पिछे विधवा पत्नी समेत दो मासूम बच्चे छोड़ गये हैं।