Home आधी आबादी जमींदोज मिली अशर्फी का शव, दहेज की खातिर हत्या की आशंका

जमींदोज मिली अशर्फी का शव, दहेज की खातिर हत्या की आशंका

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हिलसा (चन्द्रकांत)। बिहार में पूर्णत शराबबंदी करने के बाद दहेज विरोधी अभियान की घोषणा कर चुके सीएम नीतीश कुमार के गृह जिले में ही दहेज दानव सारी हदें पार कर रहे हैं। इसका जीता-जागता उदाहरण बनीं थरथरी के बस्ता गांव की अशर्फी देवी।

पटना जिले के भदौड़ थाना के शोभाकंदा गांव निवासी शिव चौहान की पुत्री अशर्फी की शादी करीब चार वर्ष पहले थरथरी थाना के बस्ता गांव निवासी सुरेन्द्र चौहान के पुत्र अलखदेव चौहान के साथ हुई थी।

शादी के बाद से ही दहेज के रुप में रुपये को लेकर प्रताड़ित हो रही अशर्फी के साथ जो कुछ हुआ, उसकी वह कभी कल्पना भी नहीं की थी। महज चंद रुपयों की खातिर प्रताड़ित हो रही अशर्फी को ससुरालवाले ने हत्या कर शव को सुनसान इलाके में जमीनदोज कर दिया।

इधर पुत्री के अचानक गायब हो जाने की खबर बस्ता पहुंचे अशर्फी के परिजन स्थिति को भांप थरथरी थाना में केश कर दी। इसमें अशर्फी के पति अलखदेव समेत छह लोगों पर दहेज के लिए हत्याकर शव को गायब कर देने का आरोप लगाया।

परिजन तथा थरथरी थाना पुलिस अशर्फी को खोजबीन कर रही थी, तभी हिलसा के जूनियार खंदा में एक शव के जमीनदोज होने की चर्चा आम हुई।

हिलसा थाना पुलिस जाकर शव को अपने कब्जे में लेकर आसपास के थानों को इसकी सूचना दी। सूचना पाकर थरथरी थाना पुलिस भी पहुंची। मौके पर मौजूद अशर्फी के परिजनों ने शव की शिनाख्त की। शव के शिनाख्त होने के बाद अशर्फी के शव का पोस्टमार्टम कराया गया।

थरथरी के थानाध्यक्ष आशुतोष कुमार ने पुष्टि करते हुए बताया कि उक्त मामले में नामजद अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए जगह-जगह छापेमारी शुरु कर दी गई।

बहरहाल मामला जो भी हो, अशर्फी के ससुरालवालों के कृत्य से यह स्पष्ट हो गया कि सीएम नीतीश के दहेज विरोधी अभियान का असर उनके गृह जिला में ही नहीं हो पाया तो पूरे बिहार में क्या होगा?

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