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घरेलु बिजली उपभोक्ता को 98% का झटका, व्यवसायी को राहत-मात्र 7% की वृद्धि

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रांची (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। झारखंड विद्युत नियामक आयोग ने शुक्रवार को वर्ष 2018-19 के लिए नए बिजली दरें जारी कर दी। नई दर के मुताबिक घरेलू बिजली दर में 98 फीसदी की वृद्धि की गई है। वहीं, कॉर्शियल श्रेणी में राहत दी गई है। नई दर से एक मई से लागू होगी।

आयोग ने स्पष्‍ट कर किया है कि सरकार घरेलू उपभोक्ताओं को सब्सिडी देगी। जो जून में आने बिल के साथ ही जुड़ा रहेगा। मगर यह कितना तक होगा, यह सरकार तय करेगी। इसके लिए सरकार ने 2 हजार करोड़ रुपपए का प्रावधान कर दिया है।

ranchi electrisityउक्त बातें आयोग के चेयरमैन अरविंद प्रसाद ने शुक्रवार को सैनिक बाजार स्थित आयोग कार्यालय में जारी करते कही।

इस मौके पर सदस्य आर एन सिंह उपस्थित थे। उन्होंने बताया कि इस बार सिर्फ पांच श्रेणी में ही बिजली दर निर्धारित की गई है। जिसमें घरेलू, सिंचाई, व्यवसायिक, औद्योगिक और संस्थागत शामिल हैं।

 नई दर के मुताबिक घरेलू बिजली दर में 98 फीसदी की बढ़ोत्तरी की गई है। वहीं, व्यवसायिक श्रेणी में राहत दी गई है। इस श्रेणी में सिर्फ सात फीसदी का इजाफा हुआ है। ओवर ऑल बिजली दर में 43 फीसदी की वृद्धि की गई है।

घरेलू शहरी उपभोक्ताओं को वर्तमान में 200 यूनिट तक के लिए तीन रुपए प्रति यूनिट देने पड़ते हैं। नई दर के अनुसार अब घरेलू उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 3.00 रुपए की जगह 5.50 रुपए चुकाने होंगे।

वहीं, घरेलू ग्रामीण उपभोक्ताओं को अब 1.25 रुपए प्रति यूनिट की जगह 4.40 से 4.75 रुपए प्रति यूनिट चुकाने होंगे।

आयोग के अध्यक्ष अरविंद प्रसाद ने बताया कि सरकार ने झारखंड राज्य बिजली वितरण निगम को रिर्सोस गैप देना बंद कर दिया है। इस कारण बिजली दर में वृद्धि की गई है। लेकिन घरेलू उपभोक्ताओं को सब्सिडी दी जाएगी। सब्सिडी की राशि कितनी दी जाएगी, यह सरकार तय करेगी। सरकार ने सब्सिडी के लिए 2000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।

आयोग के अध्यक्ष ने बताया कि आयोग के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करने के कारण झारखंड राज्य बिजली वितरण निगम पर दो फीसदी की पेनाल्टी लगाई गई है। इसके एवज में टैरिफ प्रस्ताव से 120 करोड़ रुपए घटा दिया गया है। वितरण निगम से सिक्यूरिटी पर इंटरेस्ट भी नहीं दिया है।

अगर आठ महीने तक उपभोक्ताओं को सिक्यूरिटी पर इंटरेस्ट नहीं मिला तो फिक्स चार्ज में पांच फीसदी की कटौती की जाएगी। छह महीने के अंदर डिमांड बेस्ड मीटर लग जाने के बाद डिमांड बेस्ट टैरिफ लागू की जाएगी।

आयोग के अध्यक्ष के अनुसार पहले पेमेंट करने पर 0.5 फीसदी डिस्काउंट दिया जाएगा। वहीं, ऑनलाइन पेमेंट करने पर बिल का एक फीसदी या अधिकतम 250 रुपए तक की छूट की जाएगी। नई दर में इलेक्ट्रिकल व्हीकल का भी प्रावधान किया गया है। अगर कोई इलेक्ट्रिकल व्हीकल को पैसा लेकर चार्ज करता है तो वह व्यवसायिक श्रेणी के दायरे में आएगा।

आयोग ने पहली बार ओपेन एक्सेस सिस्टम को लागू किया है। इस सिस्टम के तहत जिस क्षेत्र में बिजली वितरण करने वाले दो लाइसेंसी हैं, वहां के उपभोक्ता अपने पसंद के लाइसेंसी से बिजली ले सकते हैं। अगर दूसरे लाइसेंसी के तार से बिजली लेते हैं तो उपभोक्ताओं को व्हीलिंग चार्ज देना होगा।

वहीं, एचटी एग्रीमेंट का सरलीकरण किया गया है। इसके तहत प्राकृतिक आपदा, जैसे बाढ़, भूकंप, आगजनी के तहत लंबे समय तक बिजली नहीं रहती है तो फिक्स चार्ज नहीं लगेगा। मगर यह केवल डीवीसी कमांड एरिया या जमशेदपुर में फिलहाल लागू हो सकेगा। क्योंकि यहां ही दूसरे लाइसेंसधारी हैं। औधोगिक इकाईयां चाहें तो इसका फायदा उठा सकते हैं।

आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि बिजली निगम को यह निर्देशित किया गया है कि वे उपभोक्ताओं को क्वालिटी पूर्ण बिजली दें। इस पर पैनी नजर आयोग की रहेगी।

नियामक आयोग को बिजली वितरण निगम ने 7385.40 करोड़ रुपए का प्रस्ताव दिया था। लेकिन आयोग ने 2018-19 के लिए 5973.46 करोड़ रुपए का ही प्रस्ताव स्वीकत किया। नई दर से भी बिजली वितरण निगम का राजस्व गैप 1785.68 करोड़ का बना रहेगा।

आयोग के सदस्य तकनीक ने बताया कि निगम की ओर से कहा गया था कि 5.98 रुपए प्रति यूनिट बिजली खरीद में खर्च हो रहा है। इसे आयोग ने घटाकर 4.11 रुपए प्रति यूनिट किया है। 1.87 रुपए प्रति यूनिट घटा दिया गया है। आयोग ने निगम को 15 फीसदी तक लाइन लॉस लाने का निर्देश दिया है।

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