“बिहार की राजनीति भी गजब है । इतिहास गवाह रहा है, जब भी कोई बड़ा नेता किसी दल से अलग होता है तो वह अपनी ताकत दिखाने के लिए किसी न किसी रैली का सहारा लेता है। रैली के माध्यम से अपनी शक्ति प्रदर्शन करता है। अपने विरोधियों को एहसास दिलाने की कोशिश करता है कि हम तेरी सत्ता को उखाड़ फेकेंगे। कुछ यही बिहार में देखने को मिल रहा है। कभी बिहार के सीएम की प्रशंसा में कशीदे पढ़ने वाले बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी एक समय उनके दुश्मन से फिर दोस्त बने और फिर अपनी राह अलग कर ली।”
पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज ब्यूरो )। एनडीए गठबंधन से अलग होने के बाद जीतनराम मांझी की पार्टी हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) ने पटना के गांधी मैदान में पहली ‘गरीब महासम्मेलन’ का आयोजन किया ।
इस महासम्मेलन में प्रतिपक्ष नेता तेजस्वी यादव भी शामिल हुए। जबकि कांग्रेस अध्यक्ष कौकब कादरी के साथ वरीय नेता सदानंद सिंह को भी सम्मेलन में पहुँचना था, लेकिन वे अपने व्यस्त कार्यक्रम की वजह से इस रैली में नहीं पहुँच सके ।
बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने गरीब महासम्मेलन में बोलते हुए कहा कि एनडीए दलित विरोधी है। दलितों के साथ अन्याय हो रहा है। सीएम नीतीश कुमार भी भाजपा और आरएसएस की गोद में बैठकर दलितों को भूल गए। दलितों के साथ सिर्फ राजनीति हो रही है। उन्हें उचित अधिकार नहीं दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि यह गरीब महासम्मेलन सिर्फ दलितों के लिए नहीं है। बल्कि सभी जाति और धर्म के गरीबों के लिए है।
पूर्व सीएम ने कहा कि जब वे सीएम थे तो उन्होंने कई एजेंडे पर काम किया था ।उस कार्यक्रम को लागू करने की जरूरत है। उन्होंने बिहार के कई मुद्दों पर भी बोलते हुए सीएम नीतीश कुमार पर जमकर प्रहार किया।
उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम लालू प्रसाद को साजिश के तहत फंसाया जा रहा है। उन्होंने जनता को भरोसा दिलाया कि बिहार में महागठबंधन की सरकार बनी तो दलितों के लिए बेहतर कार्य योजनाएँ चलाई जाएगी।
इससे पहले नेता प्रतिपक्ष नेता तेजस्वी यादव ने गांधी मैदान में आयोजित गरीब महासम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि आरक्षण को समाप्त करने की साजिश हो रही है।
तेजस्वी ने ने कहा कि नीतीश कुमार भी आरएसएस और भाजपा की गोद मैं बैठकर दलित विरोधी काम कर रहे हैं। हम पर कितना भी जुल्म कर लो हम डरने वाले नहीं है। चाचा नीतीश तो हर घाट के पानी पीए हुए हैं। कहते थे मिट्टी में मिल जाउंगा भाजपा में नहीं जाउंगा। आरएसएस और मोहन भागवत के साथ मिलकर रामनवमी पर दंगा करवाकर चले गए हैं।
एनडीए से अलग होने के बाद मांझी की यह पहली रैली थी। जिसे शक्ति प्रदर्शन के तौर पर भी देखा जा रहा है।
इस रैली में बड़ी संख्या में दलितों महिलाओं की भी भागीदारी देखी गई।
रैली को हम के कई नेताओं ने भी संबोधित किया तथा अगली सरकार महागठबंधन की बनने की बात कही।