“रंगीला मिडिल स्कूल का हेडमास्टर क्रिमीनल प्रवृति के हैं। हम महिला हैं। डरते हैं। आदेश है लेकिन उनके खिलाफ एफआईआर नहीं कर सकते। उनसे भय है। सीधी कार्रवाई से बेहतर है कि उन्हें दिमाग लगा हटा देते हैं किसी तरह” … श्री मति अंजू चौधरी, प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, सिलाव, नालंदा।
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। बिहार के नालंदा जिले में शिक्षा व्यवस्था का आलम क्या होगा इसका अंदाजा एक महिला शिक्षा प्रसार पदाधिकारी के आंतरिक पीड़ा से बखूबी समझा जा सकता है।
सिलाव प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय रंगीला बीघा में प्रधानाध्यापक राघवेंद्र कुमार सिन्हा को विद्यालय भवन निर्माण कार्य के लिए पदस्थापित किया गया। वर्ष 2007-08 में इस प्रधानाध्यापक के नाम पर सरकारी राशि का आवंटन किया गया। विद्यालय निर्माण के लिये भूमि ग्रामीण रामप्रीत सिंह के द्वारा दान दिया गया था।
लेकिन दुर्भाग्य कि प्रधानाध्यापक राघवेंद्र कुमार सिन्हा ने सरकारी राशियों का बारा-न्यारा करते हुए विद्यालय भवन के निर्माण को 10 साल बाद यानि अभी वर्ष 2018 तक पूर्ण नहीं किया।
ग्रामीण और विद्यालय के बच्चे बताते हैं कि यहां प्रधानाध्यापक की खूब मनमानी चलती है। वे महीनों तक विद्यालय नहीं आते हैं और एक ही दिन आकर सारा उपस्थिति बना लेते हैं।
यहां के बच्चे को मध्यान्ह भोजन तक नसीब नहीं हो पाती है। विद्यालय में पढ़ाई करने वाले बच्चे भूखे पेट विद्यालय से घर वापस लौटते हैं।
विद्यालय परिसर में एक चापाकल है। वह भी कई महीनों से खराब पड़ा है। बच्चें कड़ी धूप में पानी के लिए लालायित रहते हैं। वे कहीं दूर यत्र-तत्र प्यास बुझाने को भटकते रहते हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि इस विद्यालय के प्रधानाध्यापक इतनी मनमानी करते हैं कि वरीय पदाधिकारी का भी इन्हें खौफ नहीं है। इसकी उच्चस्तरीय जांच हो और प्रधानाध्यापक पर कार्रवाई की जाए।
जब एक्सपर्ट मीडिया न्यूज़ ने सिलाव के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी अंजू चौधरी से इस विद्यालय की अनियमितता की बात पूछी तो उन्होंने भी इस विद्यालय में इस तरह की समस्या रहने का जिक्र किया।
उन्होंने प्रधानाध्यापक पर अपनी मनमानी का आरोप लगाते हुए बताया कि विभाग के तरफ से प्रधानाध्यापक पर FIR करने का भी आदेश है। तत्काल उनका वेतन और डिक्टेशन रद्द कर दिया गया है। महीने दिन के अंदर जल्द कोई कठोर कदम उठाया जाएगा।
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज़ टीम ने प्रधानाध्यापक पर FIR के आदेश का जब जिक्र किया तो प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने बहुत ही चौंकाने वाली बात कही।
उन्होंने कहा कि कि वहां प्रधानाध्यापक क्रिमीनल टाईप के है। वे महिला हैं। उन्हें किसी तरह वहां से हटाने के लिये अपने दिमाग से काम निकाल रहे हैं। विद्यालय निर्माण की राशि नहीं लौटायेगें तो उन पर गबन का आरोप लगेगा।
प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने यहां तक कहा कि FIR करने पर प्रधानाध्यापक उन्हें कुछ भी कर सकता है। इसलिए अपने स्तर से काम निकाल लेंगे और बहुत जल्द ही उन्हें वहां से हटाया जाएगा।