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कौन जाहिल चला रहा है District Administration, Nalanda फेसबुक पेज

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एक्सपर्ट मीडिया न्यूज (मुकेश भारतीय)। इन दिनों हमारी एक्सपर्ट मीडिया न्यूज की टीम गलत व भ्रामक सूचना देने वाली सोशल साईट व ग्रूपों पर कड़ी नजर रखे हुये है। खास कर सोशल साइट को नियंत्रित करने का दंभ भरने वाले सरकारी तंत्र के सोशल व माइक्रो ब्लॉगिंग साइट का।

इस क्रम में सबसे भ्रामक व गैरकानूनी गतिविधि यदि कहीं अधिक देखने को मिलती है तो वह है District Administration, Nalanda का अधिकृत फेसबुक पेज। इस पेज पर अनेक जानकारियां ऐसी होती है, जिसे देख-समझ किसी भी जानकार का माथा चकरा जाए।

इस पेज पर बिहार लोक शिकायत निवारण प्रणाली से जुड़ी ‘एक उपलब्धि’ शेयर की गई थी, जो न सिर्फ भ्रामक थी बल्कि, कई दृष्टिकोण से गैरकानूनी भी थी। एक्सपर्ट मीडिया न्यूज टीम की ओर से नालंदा जिला सूचना जन संपर्क अधिकारी का ध्यान इस ओर आकृष्ट किया गया। लेकिन इसके बाद शेयर जानकारी की सुधार के बजाय उसे हटा दिया गया।nalanda facebook admin page crime1

एक्सपर्ट मीडिया न्यूज टीम को मिली जानकारी के अनुसार District Administration, Nalanda फेसबुक पेज नालंदा के डीएम की निगरानी में संचालित है। उसकी हर गतिविधियों के लिये वे ही जिम्मेवार है। इस पेज को उनके  कथित अधिकृत लोग ही अपडेट करते हैं। किसी भी गलत -सलत जानकारी देना और उसके बाद उसमें बिना सुधार किये उसे डीलिट कर देना आईटी एक्ट के तहत गंभीर  अपराध की श्रेणी में आता है। यदा-कदा की गलती मानवीय भूल हो सकती है लेकिन, इस तरह की बार-बार की गलतियों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

District Administration, Nalanda की पेज पर लोक शिकायत निवारण अधिकार कानून से मिल रहा आम आदमी को इंसाफ के तहत ‘सबिता को मिली इंदिरा आवास की बकाया राशि ’ शीर्षक से जानकारी दी गई थी कि

  1. नालंदा जिले रहुई प्रखंड की सबिता देवी को वर्ष 2013-14 में इंदिरा आवास योजना स्वीकृत हुआ था। सभी कार्य नियम पूर्वक पूरा करने के बाबजूद भी उन्हें इंदिरा आवास की दूसरी किस्त नहीं मिल पा रही थी।

  2. उसने ब्लॉक से लेकर जिला के कार्यालयों में कई चक्कर काटे। कोई निदान नहीं निकल रहा था।

  3. इस कानून की जानकारी मिलते हीं उसने 2 अगस्त 2016 को लोक शिकायत निवारण कार्यालय बिहार शरीफ में आवेदन दिया।

  4. लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा सुनवाई हुई।

  5. 10 नवबंर को सबिता देवी के खाते में तीसरे किश्त की राशि 10 हजार भेज दी गई, जो इसी कानून से संभव हुआ।

आरटीआई एक्टीविस्ट पुरुषोतम प्रसाद…..

इस पर लोक शिकायत निवारण कानून के जरिये अनेक अहम समस्याओं के समाधान के लड़ाई लड़ रहे आरटीआई एक्टिविस्ट पुरुषोतम प्रसाद कड़े सबाल उठाते हैं कि जिस सबिता देवी के मामले का जिक्र किया गया है, उसके वाद की अन्यन्न संख्या का जिक्र नहीं किया गया है, ताकि मामले की स्पष्ट जानकारी आम लोगों को मिल सके। दूसरी राशि नहीं मिल रही थी, उसमें किश्त शब्द का जिक्र नहीं किया गया है। इस मामले में किसी दोषी पदाधिकारी पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई। दोषी पदाधिकारी का कोई जिक्र नहीं किया गया है।

सबसे बड़ी काननी बात कि लोक शिकायत निवारण अधिकार कानून के तहत प्रखंड विकास पदाधिकारी को सुनवाई करने का अधिकार ही नहीं है। वे लोक प्राधिकार हो सकते हैं। यहां दोषी को ही लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी बता कर भ्रम फैलाते हुये बिल्कुल गलत जानकारी दी गई है। यह सुनवाई बिहार शरीफ अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी संजीव कुमार सिन्हा द्वारा किया गया होगा।

श्री प्रसाद आगे कहते है, ‘10 हजार की राशि के दूसरे किश्त का जिक्र क्यों नहीं किया गया। भुगतान तीसरे किश्त की 10 हजार भेजने की बात कैसे लिखी गई। यह बिल्कुल असंवैधानिक है। इसका सीधा अर्थ है कि District Administration, Nalanda के एडमिन को लोक शिकायत निवारण कानून या उसके जिम्मेवार अधिकारी की कोई जानकारी ही नहीं है। उन्हें इस कानून की ककहरा तक नहीं मालूम है।’    

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