रांची। झारखंड सरकार के कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग की प्रधान सचिव निधी खरे ने कहा है कि ‘महिला हेल्पलाईन (टॉल फ्री नम्बर-181) योजना अन्तर्गत केन्द्र सरकार द्वारा 68.16 लाख की राशि कर्णांकित की गई है, लेकिन अब तक कोई राशि केन्द्र सरकार से प्राप्त नहीं की जा सकी है।
प्रधान सचिव ने कहा कि केन्द्र सरकार से आवश्यक समन्वय स्थापित कर जल्द से जल्द राशि विमुक्त कराने की कार्रवाई सुनिश्चित की जाय। इस हेतु प्रधान स्थानिक आयुक्त, झारखण्ड भवन, नई दिल्ली से सहयोग प्राप्त करें।
प्रधान सचिव ने 181 पर दर्ज महिलाओं व बालिकाओं के उत्पीड़न-शोषण के मामलों में सघन अनुश्रवण की व्यवस्था बनाने पर बल दिया।
प्रधान सचिव निधी खरे आज शत्-प्रतिशत केन्द्र पोषित योजनाओं एवं केन्द्र-राज्य सम्पोषित अधीन योजनाओं की राज्य में प्रगति की समीक्षा कर रहीं थी।
प्रधान सचिव ने कहा कि धनबाद जिला के लिए क्रियान्वित ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ योजना में केन्द्र सरकार द्वारा कर्णांकित राशि 95 लाख के विरूद्ध अब तक 35 लाख की राशि प्राप्त हुई है। इस दिशा में शेष राशि को जल्द से जल्द विमुक्त कराने की कार्रवाई सुनिश्चित की जाय तथा इस योजना का व्यापक प्रचार प्रसार की जाय।
उन्होंने कहा कि केन्द्र प्रायोजित योजनाओं में आंगनबाड़ी प्रशिक्षण कार्यक्रम, स्वाधार गृह योजना, राजीव गांधी सबला योजना, इन्दिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना तथा ग्राम अभिसरण एवं सुगमता सेवा योजना में केन्द्र सरकार द्वारा कर्णांकित राशि के अनुपात में राशि विमुक्त न होने की स्थिति पर जितनी राशि विमुक्त हुई है, उसके विरूद्ध आवश्यक व्यय सुनिश्चित करते हुए उपयोगिता प्रमाण पत्र केन्द्र सरकार को भेजा जाय तथा केन्द्र सरकार से आवश्यक समन्वय करते हुए अगली किश्त की राशि फरवरी माह के अंत तक प्राप्त कर ली जाय।
उन्होंने कहा कि निर्भया कोष अन्तर्गत स्थापित ‘वन स्टॉप सेन्टर’ में महिलाओं-बालिकाओं के विरूद्ध हिंसा, उत्पीड़न, प्रताड़ना, शोषण के मामले अग्रसारित नहीं किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि गृह विभाग थानों में दर्ज महिलाध्बालिका उत्पीड़न से संबंधित मामलों के संबंध में अनिवार्य रूप से ‘वन स्टॉप सेन्टर, रांची को अग्रसारित करें तथा कालान्तर में जमशेदपुर तथा धनबाद जिलों में स्थापित होने वाले ‘वन स्टॉप सेन्टर’ में भी भेजने हेतु संबंधित जिलों के वरीय पुलिस अधीक्षक,पुलिस अधीक्षक को निदेशित करें। उन्होंने कहा कि विभिन्न स्रोतों से महिला-बालिका के उत्पीड़न-शोषण के जो मामले प्रतिवेदित होते हैं । इससे संबंधित सभी मामलों को वन स्टॉप सेन्टर’ में अग्रसारित किया जाना चाहिए ताकि पीड़िताओं को एक ही छत के नीचे राहत प्राप्त हो सके। उन्होंने जमशेदपुर एवं धनबाद में प्रस्तावित ‘वन स्टॉप सेन्टरों को शीघ्र प्रारम्भ करने पर बल दिया।