एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। बिहार के सीएम नीतिश कुमार के गृह जिले नालंदा में विकास के कागजी घोड़े अधिक दौड़ाए जा रहे हैं। जमीनी हकीकत कुछ भी हो, यहां के अफसर-जनप्रतिनिधि लक्ष्य-पूर्ति की ढोल पीटने से बाज नहीं आते। वेशर्मी की हद तब हो जाती है, जब अखबारों में खुले में शौच मुक्त का विज्ञापन तक प्रकाशित कर दिया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थली राजगीर नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी ने अखबारों में विज्ञापन प्रकाशित कर एदद सूचित किया है कि राजगीर नगर पंचायत क्षेत्रान्तर्गत सभी वार्डों को खुले में शौच मुक्त घोषित किया जाता है।
लेकिन राजगीर के सभी वार्डों से जिस तरह के सप्रमाण सूचनाएं मिली है, वे काफी चौंकाने वाले हैं और नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी की सफेद झूठ की पोल यूं ही खोल जाती है। शायद ऐसे पदाधिकारी आसमानी आकड़े के सहारे किस तरह के कर्तव्य और दायित्व के निर्वाह का अवार्ड लेने की मंशा रखते हैं।
फिलहाल राजगीर नगर पंचायत के वार्ड संख्या-10 स्थित गांधी टोला में रामाधीन रविदास के घर के पास सार्वजनिक सुलभ शौचालय की तस्वीर सामने हैं।
एक लंबे अरसे तक राजगीर के भाजपा विधायक रहे डॉ. एस एन आर्या के घर के पास 100 गज की परिधि का यह माजरा है। 4 लाख 92 हजार 6 सौ 35 रुपये की सरकारी खजाने इस शौचालय का निर्माण शुरु हुआ।
लेकिन यह शौचालय राजगीर में गिद्ध बने भू-माफिया लोग के कुचक्र तो दूसरी तरफ भ्रष्ट-निकम्मे अफसरों की खाऊ-पकाऊ नीति की भेंट चढ़ गई।
उसके बाद भी पुनः अनेक बार यहां शौचालय निर्माण का टेंडर निकाला गया और सरकारी राशि की खुली लूट मचाई गई। यह शौचालय कभी चालू न हो सका, लेकिन इससे जोड़ कर एक बड़ी आबादी को खुले में शौच मुक्त घोषित कर दिया गया।
गांधी टोला का ताजा आलम यह है कि यहां के प्रायः लोग खुले में शौच करने को विवश हैं। उनके लिये ओडीएफ के तहत जो नीजि शौचालय निर्माण की ढिंढोरें पीटे जा रहे हैं, वे भी कहीं अधिक कागजी ही साबित है।
राजगीर नगर पंचायत के करींदों को कम से कम इस टोले के नाम से जुड़े स्वच्छ भारत अभियान की तस्वीर को एक नजर जरुर देख लेनी चाहिये।