हिलसा (चन्द्रकांत)। आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से निर्वाहन करें तो बच्चों को बेहतर संस्कार मिल सकता है।
स्वयंसेवी संस्था जन द्वारा आयोजित दो दिवसीय के उद्घाटन मौके पर रविवार को वक्ताओं ने उक्त उद्गार व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि बच्चे देश की नई पीढ़ी होते हैं और बच्चों को बेहतर संस्कार देने की जबाबदेही आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका को सौंपी गई।
आंगनबाड़ी केन्द्र की स्थापना स्कूल पूर्व शिक्षा को बढ़ावा देने के उदेश्य से किया गया है। केन्द्र में पढ़ने वाले बच्चे जिस उम्र की होते हैं, उस उम्र के बच्चों में सीखने की अद्भुत क्षमता होती है। ऐसे में बच्चों को बेहतर शिक्षा दी जाती है तो नि:संदेह वैसे बच्चे भविष्य में बेहतर करेगा।
सीडीपीओ सुनीता कुमारी ने कहा कि इस तरह का प्रशिक्षण आदर्श आंगनबाड़ी केन्द्र के निर्माण में सहायक होगा। उन्होंने कहा कि केन्द्र के जरिए बच्चों की देख-रेख गर्भावस्था के समय से ही किया जाता है। ऐसे बच्चे जन्म लेने के बाद केन्द्र में पढ़ने जाते हैं तो उसमें पढाई के प्रति विशेष ललक होती है।
समाजसेवी अरविंद कुमार ने कहा कि बच्चों से जुड़े मामले चाहे वह आंगनबाड़ी केन्द्र हो या फिर आशा और एएनएम। ऐसे पदों पर महिलाओं की बहाली होती है। इसका मुख्य महत्वता महिलाओं में ममता, स्नेह, वात्सल्य, गृहभ्रमण की परिस्थितियों की क्षमता है।
संस्था के सचिव रामाकांत शर्मा ने कहा कि भारत को स्थाई विकसित देश की श्रेणी में खड़ा करने के लिए नई पीढ़ी के निर्माण के लिए समाज के हर व्यक्ति को हिस्सेदार बनने की जरुरत है।
इस मौके पर अजय कुमार मिश्र, अनिल कुमार, आशीष कुमार, सोनी कुमारी, राजू रविदास, मुकेश कुमार एवं अविनाश कुमार आदि मौजूद थे।