Home जरा देखिए कभी ऐसा देखा-सुना है? नहीं न, तो समझिए गंभीरता ?

कभी ऐसा देखा-सुना है? नहीं न, तो समझिए गंभीरता ?

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एक्सपर्ट मीडिया न्यूज।  वेशक नालंदा जैसे गौरवमयी अतीत वाले क्षेत्र में  स्थिति की गंभीरता को समझिये। चिंता गितनी गहरी है , इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि जागरुकता के लिए माननीय न्यायाधीश लोग भी सड़क पर उतर आए हैं। हमारी पुलिस-प्रशासन के लोग भी सड़क पर खड़े होकर अपनी जान की परवाह न करते हुए रोक-टोक कर रहे हैं।

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बिहार शरीफ व्यवहार न्यायालय के DLSA सचिव आदित्य पांडे, बाल किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी  सह अपर न्यायकर्ता मानवेद्र मिश्रा, सदस्य धर्मेन्द्र कुमार, जिला बाल सरंक्षण इकाई से केशव, DLSA के मुन्कद माधव, मंजीत आदि सड़क पर उतर कर जागरुकता फैलाते हुए…

इससे पहले क्या आप कभी किसी महामारी या रोगों से निपटने के लिये न्यायाधीश को सड़क पर उतर कर अपील करते देखा है। नहीं न।  भारतीय रेल को कभी अपनी सारी ट्रेन सेवाए रद्द करते सुना है। नहीं न।  

यहाँ तक कि प्रथम और द्वीतीय विस्व युद्ध में भी दुनिया इतनी भयभीत नहीं हुई। भारत-पाक और भारत-चीन युद्ध या फिर 1975 के घोषित आपात काल के दौरान ऐसी परिस्थिति नहीं बनी थी।  

भारत सरकार ने भी एक साथ सभी नागरिकों का कॉलर टयून इससे पुर्व कभीं नहीं बदला है। कभी होटल, हज भवन, धर्मशाला को अस्पताल मे बदलने की घोषणा करते सुना है। नहीं न। कभी देश में सारे मंदिर के पट बंद हुए हैं। नहीं न।

…तो आसन्न स्थिति की गंभीरता को गहराई से समझिए। क्योंकि विश्व की महाशक्ति सुपर पावर देश अमेरिका को आपातकाल घोषित करना पड़ा है। उसका न्यूयार्क सरीखे विकसित शहर का घुटन टेक चुका है। हम,आप, सब संभल जाईए। अभी मौका है, नही तो…?

उधर बेन प्रखंड क्षेत्र में सड़क पर उतरे प्रखंड विकास पदाधिकरी मो. फिरोज़ और अंचलाधिकारी अंजनी कुमार सिंहा के साथ थानाध्यक्ष पिंकी प्रसाद…. ?

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