“हम काफी गरीब हैं। यहां 15 हजार से ज्यादा इनकम नहीं होता है। तीन-तीन बेटियों की शादी करनी है। अगर पैसा नहीं लेगें तो कैसे काम चलेगा”
दरअसल, नालंदा जिले के चंडी थाना क्षेत्र से दो बच्चे परिजनों को बिना बताये राजगीर घुमने चले आये। इसी बीच राजगीर रेल थाना पुलिस स्टेशन पर वापस लौटने की गाड़ी का इंतजार कर रहे दोनों बच्चों को उसे पकड़ कर थाना के हाजत में बंद कर दिया। उसके बाद उसके परिजनों को बुलाया और बच्चों को छोड़ने की एवज में 15 हजार रुपये की मांग की।
फिर दलालों, जिसमें एक स्थानीय अखबार का रिपोर्टर भी शामिल है, उनके दबाव में बच्चों के परिजन अंततः 3 हजार रुपये देने को विवश हो गये। थाना प्रभारी ने खुद अपने हाथों रिश्वत लेकर चुतड़ के नीचे दबा लिया।
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज टीम के पास उक्त सारे घटना क्रम के फोटो उपलब्ध होने पर जब हमारे रिपोर्टर ने राजगीर रेल थाना प्रभारी राजनाथ राय का पक्ष जानने के लिये संपर्क साधा तो काफी चौंकाने वाले मिले।
थाना प्रभारी का कहना था कि उसे उपर से यहां सेंटिंग के पोस्ट पर डाल दिया गया है। यहां उन्हें 15 हजार से अधिक कमाई नहीं होता है। उन्हें तीन-तीन बेटियों की शादी करनी है। इसीलिये यह सब करना मजबूरी है।
थाना प्रभारी ने यह भी कहा कि पहली बार वे प्रमोशन से थाना प्रभारी बने हैं। पहली गलती हुई है। भविष्य में ऐसा नहीं करेगें।
हालांकि, यह दीगर बात है कि यदि कोई रेल थाना प्रभारी सब इंसपेक्टर रैंक के भी हैं तो उनकी वेतनादि भुगतान राशि 50 हजार रुपये उपर ही होती है। ऐसे में गरीबी, बेटियों की शादी जैसे बहाना बना रिश्वत लेने की बात को हजम नहीं किया जा सकता।
“इस तरह के मामले उनके संज्ञान में आते ही निश्चित तौर पर गंभीरता से जांच कर कड़ी कार्रवाई की जायेगी।” ….. श्री अशोक कुमार सिंह, रेल एसपी, पटना