“विश्व विख्यात नालंदा के पास भदारी गांव में जन्मी श्वेता शाही के पिता सुजीत कुमार शाही किसान और उनकी माता चंपा देवी गृहिणी हैं। श्वेता फिलहाल अपने गांव में ही अपने भाई-बहनों के साथ प्रैक्टिस करती है।”
यह घोषणा न्यास के चेयरमैन नीरज कुमार ने की और कहा कि श्वेता शाही ग्रामीण परिवेश की होते हुए भी नेशनल और इंटरनेशनल चैंपियनशिप में अपना विजय पताका फहरा कर नालंदा और बिहार का ही नहीं देश का नाम रोशन किया है। ऐसे होनहार खिलाड़ियों पर नालंदा समेत पूरे देश को गर्व है। वे चाहते हैं कि श्वेता शाही विश्व के मानचित्र पर अपनी पहचान वैसा ही बनाये जैसा नालंदा का था।
आरंभ में श्वेता शाही रग्बी फुटबॉल की ट्रेनिंग पटना ली थी। 19 वर्षीया श्वेता शाही इंटरमीडिएट की छात्रा है। इस छोटी सी उम्र में श्वेता शाही ने कई नेशनल और इंटरनेशनल चैम्पियनशिप में शानदार प्रदर्शन किया है।
दूसरा एशियन विमेंस रग्बी फुटबॉल चैंपियनशिप 2016 में श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में आयोजित किया गया था, उसमें श्वेता ने गोल्ड मेडल जीत कर भारत का मस्तक ऊँचा की थी।
तीसरा अंडर-19 एशियन रग्बी फुटबॉल चैंपियनशिप का आयोजन 2016 में ही दुबई में हुआ था। इसमें भारतीय खिलाड़ी श्वेता शाही ने ब्राउन मेडल जीतने में कामयाब हुई ।
इसके अलावा श्वेता शाही स्कूल गेम्स में जूनियर, सीनियर, अखिल भारतीय स्तर और साउथ एशियन फिफ्टीन साइड गेम में भी प्लेट विनर रही है।
श्वेता शाही की माने तो वह नागपुर, उड़ीसा, कोलकाता, मुंबई, छत्तीसगढ़ समेत कई बड़े आयोजनों में शामिल होकर उत्कृष्ट प्रदर्शन की है। पिछले साल दुबई में सम्पन्न रग्बी फुटबॉल चैंपियनशिप में भी श्वेता शाही ने भारत का विजय पताका फहरा चुकी है।