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    Friday, November 15, 2024
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      आज तक आश्वासनों की घूंटी के आलावा कुछ न मिला यहां !

      “सबसे अधिक परेशानी बच्चों को पढ़ाई के लिए स्कूल आते-जाते होती है। सड़क नहीं होने से मरीजों को चारपाई पर लाद कर अस्पताल ले जाना पड़ता है”

      नगरनौसा। आजादी के सात दशक बाद भी गांवों के माली हालत में कोई सुधार नही हुआ है। यहां कई ऐसे गांव है, जहाँ अब तक सरकारी मूलभूत सुविधाओं की घोर कमी दिखती है।

      कुछ ऐसा ही नजारा नालंदा जिले के नगरनौसा प्रखंड-पंचायत अंतर्गत फाटा बिगहा गांव में दिखती है। यहां जब भी ग्रामीण सरकारी कार्यक्रम का बहिष्कार करते है तो जनप्रतनिधि से लेकर अधिकारी तक गांव में पहुंच कर मूलभूत सुविधा मुहैया कराने का आश्वासनों की घूंटी सिर्फ पिला जाते हैं।

      भूषण पासवान, रामकली देवी, सुनील पासवान, सोहन पासवान समेत दर्जनों ग्रामीण बताते हैं कि फाटा बिगहा गांव में अब तक मूलभूत सुविधाओं की घोर कमी है। गांव में न पक्की गली है। न घरों से पानी निकलने के मुक्कमल व्यवस्था। यहां तक कि गांव आने के लिए सिर्फ़ पगडंडी ही मुख्य मार्ग है। जो हलकी बारिश में ही कीचड़ से सन जाता है। बरसात में तो आना-जाना और भी दूभर हो जाता है।

      ग्रामीण कहते हैं कि सबसे अधिक परेशानी बच्चों को पढ़ाई के लिए स्कूल आते-जाते होती है। सड़क नहीं होने से मरीजों को चारपाई पर लाद कर अस्पताल ले जाना पड़ता है। जब वे सरकारी कार्यक्रमों (पोलियों खुराक आदि) का बहिष्कार करते है तो जनप्रतनिधि से लेकर अधिकारी तक गांव आकर मूलभूत सरकारी सुविधा मुहैया कराने आश्वासन देते हैं। लेकिन बाद में वे समस्या से निजात दिलाने के लिए कोई सार्थक कदम नही उठाते।

      इस बाबत प्रखंड विकास पदाधिकारी अरविंद कुमार सिंह कहते हैं कि फाटा बिगहा गांव में सड़क निर्माण को लेकर सभी प्रसाशनिक तैयारी पूरी कर ली गई है। वहां जल्द ही ईंट सोलिंग कर ढ़लाई का कार्य किया जायेगा।

      नगरनौसा पंचायत के मुखिया सुरेंद्र प्रसाद भी वही सरकारी राग दुहराते हैं कि फाटा बिगहा गांव की सभी मूलभूत सुविधाए जल्द पूरा होगी। सड़क निर्माण का कार्य जल्द शुरू हो जाएगा।

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