विधायक फेसबुक पर लिखते हैं कि 20 फरवरी को सिल्ली प्रखण्ड के लुपूंग गांव में प्रखण्ड विकास पदाधिकारी के द्वारा उन्हें आंगनबाडी केन्द्र के शिलान्यास के लिए आमंत्रित किया गया, मगर उक्त स्थान में आंगनबाडी केन्द्र के बगल में ही आंगनबाडी केन्द्र भवन बनाया जा रहा है और पहले से बने आंगनबाडी केन्द्र में निजी स्कूल संचालित हो है। इस केन्द्र की विभागीय स्वीकृती मिलना ही संदेहास्पद है। जिससे पता चलता है कि सरकारी धन को लुटने के लिये यहां विभागीय अधिकारियों और बिचौलियों का एक समुह काम कर रहा है। यह राजकीय कोष का भारी दुरूपयोग है। इस तरह की मनमानी लोकतंत्र के लिये घातक है।
उन्होंने अगली पोस्ट में लिखा कि सिल्ली प्रखण्ड के तिरला गांव में प्रखण्ड विकास पदाधिकारी के द्वारा उन्हें आंगनबाड़ी भवन केन्द्र के शिलान्यास के लिए आमंत्रित किया गया। उक्त स्थान पर भी शिलान्यास से पूर्व ही निर्मांण कार्य शुरू था। यहां भी उन्हें विभागिय अधिकारी दिग्भ्रामित कर शिलान्यास को लेकर पहूंचे। निसंदेह अधिकारी बेलगाम हो चुके हैं।
बकौल विधयक, उसी दिन सिल्ली प्रखण्ड के मुरी पूर्वी के टुंगरीधार में प्रखण्ड विकास पदाधिकारी के द्वारा उन्हें आंगनबाडी भवन केन्द्र के शिलान्यास के लिए आमंत्रित किया गया। वहां भी वही स्थिति थी, जो हलमाद (नीचे टोला) में थी। विभागीय अधिकारी यहां भी शिलान्यास पूर्व कार्य शुरू कर चुके थे और लगभग 30-40 प्रतिशत निर्मांण कार्य हो चुका था, जो अधिकारियों की मनमानी को दर्शाता है। यहां भ्राष्टाचार का मोमेंटम बदस्तुर जारी है।
वे लिखते हैं कि सिल्ली प्रखण्ड के हलमाद गांव के नीचे टोला में आंगनबाडी केन्द्र का शिलान्यास कार्यक्रम में पहुंचे तो यह देखकर दंग रह गये कि वहां काम प्रगति पर था। इस बाबत जब उन्होंने प्रखंड विकास पदाधिकारी और कनीय अभियंता से पूछा कि शिलान्यास कब किया जाता है तो उन्होंने चुप्पी साध ली। इस निर्माण कार्य का जायजा लेने पर पता चला कि घटिया ईंट, बालू एवं निर्माण में घोर अनियमितता बरती जा रही है। मनरेगा के कार्य को भी प्रखण्ड विकास पदाधिकारी ने ठेका में दे दिया है।
वेशक विधायक अमित महतो ने अपनी फेसबुक पोस्ट में जो कुछ लिखा है, वे विधायिका के लिये काफी गंभीर संकेत है। किसी भी अधिकारी को योजना क्रियान्वयन के नाम पर लूटने और एक जनप्रतिनिधि को हास्यास्पद बनाने का षडयंत्र रचने की खुली छूट नहीं मिलनी चाहिये।