Home देश ‘अपराधियों के बाद अब पुलिस-प्रशासन के निशाने पर पत्रकार’

‘अपराधियों के बाद अब पुलिस-प्रशासन के निशाने पर पत्रकार’

एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। जिस तरह बिहार के लोग अपनी आजीविका के लिए बिहार से बाहर जा रहे हैं तो क्या उसी तरह अब बिहार के पत्रकारों को पत्रकारिता के लिए राज्य से बाहर जाना होगा। बिहार में गलत परंपरा की शुरूआत हो रही है. जिसमें प्रदेश के पत्रकारों की कलम को प्रभावित करने की कोशिश  पुलिस प्रशासन के द्वारा की जा रही है।

यह कहना है नेशनल जर्नलिस्ट एसोसिएशन के संस्थापक सह राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश कुमार गुप्ता का। अध्यक्ष श्री गुप्ता नालंदा के पीड़ित पत्रकार राजीव रंजन से मिलने बिहारशरीफ आए हुए थे।nalanda journalist crime 1

एनजेए के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि नि:संदेह विगत कई महीनों से पत्रकारों के साथ अत्याचार की घटना तेजी से बढ़ी है। अपराधियों के द्वारा लगातार धमकी और हत्या तक हो चुकी है। वही अब प्रशासन भी उनकी कलम की आवाज को दबाना चाहती है।

ताजा उदाहरण नालंदा के पत्रकार राजीव रंजन का है। जिन्होंने अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए प्रश्न पत्र वायरल की खबर अधिकारियों को दी। लेकिन अधिकारियों ने प्रश्न पत्र वायरल करने वालों की खबर न लेकर अपनी नाकामी को छिपाते हुए पत्रकार को ही जेल में डलवा दिया।

नालंदा पुलिस ने भी गैर जिम्मेदाराना तरीके से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। नेशनल जर्नलिस्ट एसोसिएशन इस परंपरा का विरोध करते हुए इस मामले की निष्पक्ष जांच को लेकर सीएम तथा अन्य मंत्रियों से मुलाकात कर एक ज्ञापन सौंपेगा।

पीड़ित पत्रकार राजीव रंजन ने बताया कि मुख्यमंत्री के गृह जिले में निष्पक्ष पत्रकारिता करने पर सरे आम यहां के पदाधिकारियों के द्वारा झुठे मुकदमे में फंसा दिया जाता है ।

संगठन के राष्ट्रीय संरक्षक प्रो. डॉ जितेंद्र कुमार सिंह ने इस घटना की निंदा करते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की। पीड़ित पत्रकार राजीव रंजन से मुलाकात के दौरान संगठन के राष्ट्रीय महासचिव कुमुद रंजन सिंह, मीडिया प्रभारी कुंज बिहारी विजित्वर जिला अध्यक्ष पप्पू कुमार, तालिम फिरदौस मल्लिक, लाल रंजन पप्पू सहित प्रदेश के कई पदाधिकारी मौजूद थे।

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