रांची (INR)। झारखंड डीजीपी की गंभीरता और रांची एसएसपी की सक्रियता से ब्लू व्हेल चैलेंज गेम के एक मनोरोगी की जान बच गई। पुलिस की इस त्वरित कार्रवाई की सर्वत्र प्रशंसा हो रही है।
खबर है कि डोरंडा के फिरदौस नगर मणि टोला रोड नंबर एक का रहने वाला 19 वर्षीय माज अमन सिद्दीकी ब्लू व्हेल चैलेंज गेम खेल रहा था। चार सितंबर को उसने अपना फेसबुक स्टेटस अपडेट किया।
उसने लिखा कि इन दिनों वह सीरियस होकर ब्लू व्हेल गेम खेल रहा है। इस कारण वह किसी को कोई जवाब नहीं दे सकेगा। इसके लिए उसे खेद है।
माज अमन के इस तरह के स्टेटस को देखने के बाद उसके एक दोस्त ने स्टेटस का तत्काल स्क्रीन शॉट लिया और पूरी जानकारी डीजीपी डी के पांडेय को ई-मेल कर दी।
उसने डीजीपी को लिखा- ‘सर, मेरा फ्रेंड ब्लू व्हेल खेल रहा है…। उसे बचा लीजिए।‘
ई-मेल मिलते ही डीजीपी ने सीआईडी के एडीजी को तत्काल अमन को ढूंढ़ने का निर्देश दिया। एडीजी ने एसएसपी कुलदीप द्विवेदी को बताया। एसएसपी ने सभी थानेदारों को अमन को ढूंढ़ने का टास्क दे दिया। मगर सभी के पास सिर्फ फेसबुक पेज का स्क्रीन शॉट ही था। सारे लोग रात भर लगे रहे, लेकिन पता नहीं चला।
इसके बाद सबसे पहले कोतवाली इंस्पेक्टर श्यामानंद मंडल ने सबसे पहले अमन के दोस्त को ढूंढ़ा। जिसने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर पूरा डिटेल और मोबाइल नंबर पुलिस को उपलब्ध करा दिया।
फिर इंस्पेक्टर ने अमन को फोन कर कहा कि तुम्हारा दोस्त बोल रहा हूं। मेन रोड में मिलने आओ। अमन आया। इंस्पेक्टर को देखते ही चौंका। जब उससे पूछा कि यह गेम क्यों खेल रहे हो तो वह माफी मांगने लगा।
इस मामले की जानकारी उसके पिता को जानकारी दी गई। उसके पिता कोतवाली थाना पहुंचे। वहां अमन ने पुलिस को लिख कर दिया कि वह अब कभी ब्लू व्हेल गेम नहीं खेलेगा।
फिर पुलिस ने साइबर सेल की मदद से उसके फेसबुक से गेम से संबंधित सभी मैसेज डिलीट करा दिया। और उसकी जान बच गई।
गुरुनानक स्कूल से 12वीं पास कर चुका अमन सिविल इंजीनियरिंग करना चाहता है। वह इसकी तैयारी में जुटा है। पिता इवेंट ऑर्गेनाइजर है।
जब उन्हें पता चला कि बेटा ब्लू व्हेल गेम खेल रहा है तो वे गुस्सा हुए। पर पुलिस की मदद से बेटा बच गया, इसके लिए ऊपरवाले का शुक्रिया अदा किया।