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तेजस्वी यादव ने GMCH पूर्णिया की लाइव रिपोर्टिंग कर उठाए गंभीर सवाल

पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलते हुए नेता प्रतिपक्ष और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने देर रात गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (GMCH) पूर्णिया का औचक निरीक्षण किया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लाइव वीडियो शेयर करते हुए उन्होंने 20 साल पुरानी NDA सरकार की बदहाली को नंगा कर दिया।

वीडियो में दिखाई गई तस्वीरें किसी जिला अस्पताल या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की नहीं, बल्कि एक ‘तथाकथित’ मेडिकल कॉलेज की हैं, जहां बुनियादी सुविधाओं का नामोनिशान नहीं, और मरीजों की जिंदगियां दांव पर लटकी हुई हैं।

वीडियो की शुरुआत ही दिल दहला देने वाली है। रात के अंधेरे में तेजस्वी अस्पताल के मुख्य द्वार पर पहुंचते हैं, जहां स्टाफ की हलचल और मरीजों की सिसकियां हवा में घुली हुई लगती हैं। जैसे-जैसे वे अंदर बढ़ते हैं, वार्डों की भयावह सच्चाई सामने आती है।

एक बेड पर तीन-तीन मरीजों को लिटाया गया है, जिनके चेहरे दर्द और थकान से लथपथ हैं। बेडशीटें इतनी गंदी कि 15-20 दिनों से न बदली गई हों। एक बुजुर्ग मरीज को देखकर तेजस्वी रुक जाते हैं और पूछते हैं कि भैया, कितने दिन हो गए यहां? जवाब सुनकर उनकी आंखों में गुस्सा साफ झलकता है।

तेजस्वी वीडियो में गुस्से से चिल्लाते हुए कहते हैं कि यह मेडिकल कॉलेज है, लेकिन यहां ICU का कहीं नामोनिशान नहीं! ट्रॉमा सेंटर चालू होने का इंतजार कर रहा है और कार्डियोलॉजी यानी हृदय रोग विभाग तो सपने में भी नहीं।  फ्रेम्स में दिखता है कि हड्डी रोग और विकलांग शल्य चिकित्सा वाले मरीजों के लिए शौचालय दो फीट ऊंचा बना है। जैसे कोई मजाक।

साफ-सफाई का तो सवाल ही नहीं। दीवारें धुंधली, फर्श पर कचरा बिखरा और हवा में बदबू का गुबार। एक दृश्य में तेजस्वी एक व्हीलचेयर पर मरीज को इशारा करते हुए कहते हैं कि इनके लिए ये सीढ़ियां मौत का पैगाम हैं।

कमी स्टाफ की तो और भी भयानक। स्वीकृत 255 नर्स पदों पर सिर्फ 55 नर्स तैनात। वो भी तीन शिफ्टों में। मतलब एक समय में महज 18 नर्स। छुट्टी पर होंगी तो और कम। 80 फीसदी डॉक्टरों के पद खाली पड़े हैं। एक भी स्थायी ड्रेसर नहीं और पूरे हॉस्पिटल में सिर्फ चार ओटी सहायक। 23 विभागों में से कई बंद पड़े हैं। प्रोफेसर और सहायक प्रोफेसर तो नाममात्र के। मेडिकल इंटर्न्स को छह महीने से सैलरी नहीं मिली। वे भूखे पेट मरीजों की सेवा कर रहे हैं।

तेजस्वी ने वीडियो में सवाल उठाया कि सरकारी अस्पतालों की ऐसी दुर्दशा के चलते पूर्णिया के निजी हॉस्पिटलों में रोज 10,000 मरीज क्यों पहुंच रहे हैं? आगे उन्होंने कड़ा तंज कसा कि NDA सरकार के भ्रष्ट मंत्री और अधिकारी कमीशन के चक्कर में हजारों करोड़ खर्च कर सिर्फ बिल्डिंगें खड़ी करते हैं। डॉक्टर, नर्स, लैब टेक्नीशियन, ड्रेसर की भर्ती? नामुमकिन। महंगे उपकरण खरीदते हैं, लेकिन उन्हें चलाने वाले तकनीशियन की बहाली नहीं।

तेजस्वी यह दौरा महज संयोग नहीं। आज ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सीमांचल के पूर्णिया पहुंचने वाले हैं। जुमलों की बारिश करने जैसा तेजस्वी ने आगे व्यंग्य किया कि पीएम जी, इतने ऊंचे पद पर बैठे हैं। फिर भी बिहार की 20 सालों की NDA और केंद्र की 11 सालों की डबल इंजन सरकार की खामियां नजर नहीं आतीं? भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, गरीबी, शिक्षा-स्वास्थ्य की लूट। इन पर प्रवचन तो देंगे न?

तेजस्वी ने पीएम को सीधा चैलेंज किया कि पूर्णिया के इस मेडिकल कॉलेज जरूर आइएगा और 2005 के बाद के मुख्यमंत्री को भी साथ लीजिएगा। वरना वो कहेंगे कि 2005 से पहले कुछ था जी?

वीडियो पोस्ट होते ही सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया है। हजारों लाइक्स, रीपोस्ट्स और कमेंट्स में लोग NDA सरकार को कोस रहे हैं। विपक्षी दलों ने इसे ‘डबल जंगलराज’ का सबूत बताया है। जबकि सत्ताधारी खेमे ने अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय पर सीधी चोट करते हुए तेजस्वी ने कहा कि इस जुमलेबाज निकम्मी सरकार के अमंगलकारी स्वास्थ्य मंत्री को लानत भेजिए।

हालाकि बिहार में स्वास्थ्य बजट पर सवाल उठते रहे हैं। पिछले साल राज्य सरकार ने 15,000 करोड़ का बजट आवंटित किया था, लेकिन जमीन पर कुछ नहीं। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी बदहाली से न सिर्फ मरीजों की जान जोखिम में है, बल्कि पूरे सीमांचल क्षेत्र का विकास ठप हो गया है। क्या पीएम का दौरा इस घाव पर मरहम लगाएगा या फिर सिर्फ जुमलों की महफिल सजाएगा? सवाल वही, जवाब का इंतजार?

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