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बिहार कृषि विभाग की बेशर्म ट्वीट- ‘गुंडा अफसर’ को प्रमोशन नहीं, उप निदेशक का सिर्फ वेतनमान

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एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क (पटना ब्यूरो)। नीतीश सरकार द्वारा अररिया डीएओ (जिला कृषि पदाधिकारी) द्वारा एक होमगार्ड के साथ लॉकडाउन में खुली गुंडई के ईनाम में मिली प्रमोशन मामले में बिहार कृषि विभाग ने बड़ी दिलचस्प सफाई दी है।

कृषि विभाग ने अधिकृत ट्वीटर हैंडल Bihar Agriculture @Aaribih  पर एक टवीट की है। जिसमें तीन कार्रवाई बताई गई है।

bihar crupt aricluure department 1पहला डीएओ अररिया मनोज कुमार को स्थानान्तरण करते हुए उप निदेशक प्रशिक्षण मुख्यालय के पद पर पदास्थापित किया गया है। विभाग के अनुसार यह प्रमोशन नहीं, बल्कि उप निदेशक का वेतनमान मिला है।

दूसरा मनोज कुमार के खिलाफ विभागीय जांच की जा रही है और तीसरा उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है।

वेशक कृषि विभाग का यह ट्वीट ही नीतीश सरकार की कार्यशैली पर एक बड़ा सबाल खड़ा करती है। और यह स्पष्ट करती है कि सूबे में समरथ न कछु दोष गोसाईं की नीति कायम है।

बीच सड़क खुली गुंडई करने वाला अफसर कृषि मंत्री प्रेम कुमार का काफी दुलारा माना जाता है। 

बता दें कि कुछ दिनों पहले अररिया में एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार को पुलिस विभाग में चौकीदार गणेश को सजा के तौर पर कान पकड़ कर उठक-बैठक करवाते देखा गया था।

इस मामले में पुलिस विभाग ने मौके पर मौजूद एएसआई गोविंद सिंह को सस्पेंड कर दिया, लेकिन जिस पदाधिकारी ने ये शर्मनाक हरक़त की उसे सरकार ने प्रमोशन ही दे दिया।

एएसआई गोविंद सिंह के सस्पेंड होने के बाद कृषि पदाधिकारी पर भी कार्रवाई की मांग उठ रही थी, मगर बिहार सरकार ने इसके उलट कृषि पदाधिकारी को प्रमोशन देते हुए उन्हें कृषि विभाग में ही उप निदेशक बना दिया है।

इस बाबत सरकार की तरफ से 25 अप्रैल को एक अधिसूचना जारी की गई, जिसमें इस बात की जानकारी दी गई कि अररिया के पदाधिकारी मनोज कुमार को पदस्थापित करते हुए उन्हें मुख्यालय बुला लिया गया है और उन्हें उपनिदेशक के पद पर नियुक्त किया गया है।

मनोज कुमार सरीखे पदाधिकारी को प्रमोशन देने के मामले पर कृषि मंत्री प्रेम कुमार की बेशर्म दलील है कि कानूनी पचड़े में सरकार की फजीहत न हो, इसी वजह से उसे अररिया से हटाकर पहले मुख्यालय में पदस्थापित किया गया है।

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