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    Friday, November 22, 2024
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      घोर उपेक्षा का शिकार है राजगीर का बंगाली युवा छात्रावास

      “बंगाली सैलानियों के लिए बना था छात्रावास,  दो दशक से नहीं हुई है रंगाई-पोताई, डेढ़ दसक से है बुकिंग बन्द, वर्द्धमान से होती थी बुकिंग, टूटकर गिर रही है कमरों की छतें”

      नालंदा ( राम विलास )। कभी बंगाली सैलानियों से गुलजार रहने वाला युवा छात्रावास डेढ़ दशक से विरान है। सैलानियों के इंतजार में इसका हालत काफी जर्जर हो गया है। छत जहां-तहां से टूट कर गिर रहा है। दो दसक से इसकी रंगाई पोताई भी नहीं करायी गयी है। यह हाल है राजगीर के युवा छात्रावास की।

      मगध साम्राज्य की ऐतिहासिक राजधानी में बने इस छात्रावास का संचालन पष्चिम बंगाल सरकार के स्पोर्टस एण्ड यूथ सर्विस डिपार्टमेंट के द्वारा किया जाता है। इस छात्रावास में 14 कमरें, चार डायमेट्री, चार शौचालय और चार स्नानघर है।

      पष्चिम बंगाल सरकार ने 1980 ई. में बना बनाया भवन युवा छात्रावास के लिए राजगीर में क्रय किया था। बंगाल सरकार ने बंगाली सैलानियों के लिए यह ब्यवस्था की थी। यहां बंगाली टूरिस्ट को डायमेट्री में 100 रूपये बेड और  कमरा के लिए दो सौ रूपये किराया लगता था। सस्ते किराये पर सैलानी एक-एक सप्ताह यहां रह कर गरम जल के कुंडों का आनन्द लेते और धरोहरों का दीदार करते थे।

       छात्रावास सहायक श्रीकांत कोले की माने तो वर्ष 2002 से इस युवा छात्रावास की बुकिंग बन्द है। बंगाल सरकार ने यूथ होस्टल के इस बिल्डिंग को असुरक्षित घोषित कर दिया है। इस युवा छात्रावास की बुकिंग वर्द्धमान के जिला युवा पदाधिकारी कार्यालय से होता था।

      पष्चिम बंगाल के अलावे बिहार के राजगीर, झारखंड के मैथन और उड़िसा के पुरी में भी पष्चिम बंगाल सरकार का युवा छात्रावास है। बंगाल छोड़ सभी राज्यों के युवा छात्रावास का हाल बहुत बुरा है। फलस्वरूप बंगाली पर्यटक होटल में अधिक किराया देकर ठहरने के लिए मजबूर हैं। इस छात्रावास के देखभाल के लिए सरकार ने चार कर्मियों को नियुक्त किया था। इनमें से दो रिटायर कर गये हैं। इस छात्रावास के इंचार्ज सुवीक कुमार हाजरा हैं, जो राजगीर में नहीं रहते हैं। 

      श्रीकांत कोले उनके सहायक और कुसुम प्यारी देवी अटेंडेंट हैं। इन दोनों को बंगाल सरकार के ग्रुप डी का वेतन मिलता है। फिलहाल इन दोनों के पास काम का अभाव है। समय काटना मुष्किल होता है।

      कोले ने बताया कि ममता वनर्जी के मुख्यमंत्री बनने के बाद युवा छात्रावास के दुर्दिन सुदिन में बदल रहे है। युवा निदेषालय के सिनियर आफिसर के द्वारा करीब डेढ़ साल पहले इस छात्रावास का निरीक्षण किया गया है। पुरानी बिल्डिंग को ध्वस्त कर नया बिल्डिंग बनाने का प्रस्ताव बंगाल सरकार के भेजा गया है। इसके लिए चार करोड़ का प्राक्कलन भी तैयार किया गया है। पष्चिम बंगाल के सभी युथ होस्टल की तस्वीर बदल गयी है। राजगीर के इस होस्टल का दिन भी बदलने वाला है।

      ………अधिकारी बोले

      पुरानी बिल्डिंग को तोड़कर नयी बिल्डिंग बनाने का प्रस्ताव पष्चिम बंगाल सरकार को भेजा गया है। इसके लिए चार करोड़ रूपये का स्टीमिट भी बनाया गया है। आबंटन मिलने के बाद इसका निर्माण कार्य शुरू कराया जायेगा। …………सुवीक कुमार हाजरा, ईंचार्ज, बंगाल युवा छात्रावास, राजगीर

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