Home झारखंड प्रह्लाद सिंघानिया है नकली शराब का सबसे बड़ा मास्टर माइंड

प्रह्लाद सिंघानिया है नकली शराब का सबसे बड़ा मास्टर माइंड

0

राजधानी रांची के नामकुम और टाटीसिलवे इलाके के गांवों में दर्जनों दफा पुलिस ने सिंघानिया ब्रदर्श के ठिकानों पर छापेमारी कर भारी मात्रा में नकली शराब और ब्रांडेड कंपनियों के खाली बोतल के साथ बॉटलिंग में उपयोग होनेवाली मशीन, ब्राडेड कंपनियों के स्टीकर और रैपर्स भी बरामद किए हैं, लेकिन शराब माफिया कभी पकड़े नहीं जा सके। छापेमारी के कुछ दिनों बाद ही फिर से धंधा फलने-फूलने लगता है, पर पुलिस माफिया तत्वों को गिरफ्तार नहीं कर पाती।

ranchi wine crime 11नकली शराब के कारोबारी ब्रांडेड कंपनियों की बोतल में मकली शराब की बॉटलिंग कर कार, बोलेरो या यात्री वाहनों से सप्लाई करते हैं, ताकि किसी को इसकी भनक लगे। यहां तैयार नकली शराब झारखंड के विभिन्न जिलों के अलावा बिहार में भी भेजी जाती है।

नकली शराब के बड़े-बड़े कारोबारी पकड़े नहीं जा रहे, लेकिन रांची पुलिस गांवों में महुवा से अवैध शराब चुलानेवालों की भट्ठियों को ध्वस्त कर खानपूर्ति कर रही है।

अब नकली और जहरीली शराब से सात लोगों की मौत के बाद नामकुम पुलिस तेतरीटोली के प्रह्लाद सिंघानिया के घर पहुंची, तो यहां से उसे भारी मात्रा में नकली शराब, ब्रांडेड कंपनियों की खाली बोतलें एवं शराब बनाने में उपयोग होनेवाली सामग्री मिलीं। हालांकि हर बार की तरह इस बार भी पुलिस किसी को गिरफ्तार कर सकी।

शहर में नकली शराब बनानेवालों का मुख्य ठिकाना नामकुम और टाटी सिलवे थाना क्षेत्र के गांव हैं। नकली शराब के कारोबारी गांवों को इसलिए ठिकाना बनाते हैं, ताकि पुलिस या उत्पाद विभाग की टीम वहां आसानी से नहीं पहुंच सके।

गिरफ्तार नकली शराब के तीनों कारोबारियों ने शराब माफिया प्रहल्लाद सिंघानिया और नरेश सिंघानिया का नाम बताया है, जो उन्हें नकली शराब की सप्लाई किया करता है। नामकुम के रहनेवाले तरूण नाम के व्यक्त का भी नाम उसने पुलिस को बताया है। पुलिस इन दोनों की भी तलाश कर रही है।

कौन है प्रहलाद सिंधिया

प्रहलाद सिंधिया मूल रूप से राजस्थान का रहनेवाला है। रांची आने के बाद उसने नामकुम के तेतरटोली में अपना ठिकाना बनाया।

यहां उसने शराब बनाने की अवैध फैक्ट्री खोली। धीरे- धीरे नकली शराब के धंधे में उसने अपनी पैठ बना ली।

जब कभी भी पुलिस ने उसके शराब भट्टी पर छापा मारा, वह अपना ठिकाना बदल लेता था।

उत्पाद विभाग और पुलिस की छापेमारी के बाद भी उसका अवैध शराब का धंधा कभी बंद नहीं हुआ.

प्रहलाद के कई और हैं नाम

अवैध शराब के धंधे में प्रहलाद सिंधिया कई और नाम से जाना जाता है। प्रहलाद के अलावा धनसू, प्रहलाद कुमार दास भी और पैलू के नाम से वह जाना जाता है। सिंधिया की टीम में मनोज कुमार उर्फ मन्नू, पुतली बाबू, तरूण कुमार और नामकुम एरिया का पुजारी भी शामिल है, जिनकी बदौलव वह अपने अवैध शराब के धंधे को चला रहा है। पुजारी और प्रहलाद का भाई नरेश सिंधिया, मनोज कुमार उर्फ मन्नू तथा पुजारी शराब सप्लाई का काम देखते हैं।

कहां- कहां है अवैध शराब फैक्ट्री

प्रहलाद सिंधिया की फैक्ट्री जोरार बस्ती, महिलौंग, सिदरौल, तुपुदाना रोड में भी सुनसान स्थान पर चलती है। जैसे- जैसे नकली शराब के धंधे से मुनाफा और डिमांड बढ़ता है, उसके मजदूर भी बढ़ जाते हैं। सिंधिया की फैक्ट्री में पहले दो सौ मजदूर काम करते थे, अब इनकी संख्या तीन सौ से अधिक हो गई है।

ऐसे करता है अवैध शराब की सप्लाई

प्रहलाद अपनी नकली शराब को ऑटो, कार, बाइक तथा रिक्शा में ढोकर ले जाता है। वह अपने माल को एक कार्टन में थोड़ा- थोड़ा कर हाईवे के होटल, रेस्टोरेंट और शराब की दुकानों में पहुंचाता है।

कहां- कहां होती है सप्लाई

नामकुम थाना पुलिस में दर्ज रिकॉर्ड के मुताबिक, प्रहलाद सिंधिया शराब को रांची के ओरमांझी, इटकी, सदर, तुपुदाना, चुटिया के स्टेशन रोड, प्राइवेट शराब की दुकानों, चाईबासा, खूंटी, मुरहू, गुमला, हजारीबाग, रामगढ़ आदि जगहों में सप्लाई करता है.

कई थानों में दर्ज हैं दर्जनों मामले

प्रहलाद सिंधिया पर नामकुम थाने समेत ओरमांझी, लालपुर, टाटीसिलवे और चाईबासा डिस्ट्रिक्ट के विभिन्न थानों में दर्जनों प्राथमिकी दर्ज है। केवल नामकुम की बात करें तो सेवेन ईसी एक्ट के तहत कई बार मामला दर्ज हो चुका है। प्रहलाद पर विभिन्न ब्रांडों का शराब तैयार करना एवं बेचने का आरोप लगा है। उस पर नकली शराब की फैक्ट्री लगाने और नकली शराब की बोतल में ओरिजनल शराब रैपर लगाने के आरोप में भी प्राथमिकी दर्ज की गई है।

कई बार हो चुकी है कुर्की

प्रहलाद सिंधिया के ठिकानों की कभी चाईबासा पुलिस, कभी खूंटी तो कभी मुरहू पुलिस द्वारा भी कुर्की जब्ती की जा चुकी है। इतना ही नहीं, उत्पाद विभाग के मैनुअल में यह नियम है कि यदि आपके पास कोई शराब पकड़ी गई तो जितनी मात्रा में शराब पकड़ी गई है, उसकी कीमत पर जुर्माना वसूला जाता है। जुर्माना देने के बाद उस आरोपी को उत्पाद विभाग की ओर से ही छोड़ दिया जाता है।

चकमा देने में है माहिर

प्रहलाद सिंधिया दूसरी बार पुलिस की गिरफ्त में आया है। उसके द्वारा नकली शराब का धंधा करने से पुलिस भी भली- भांति वाकिफ है, लेकिन हमेशा वह चकमा देकर बच निकलता रहा था। ऐसा भी नहीं है कि उत्पाद विभाग और पुलिस को उसके व उसके धंधे के ठिकानों की जानकारी नहीं है, लेकिन उसके खिलाफ शायद ही एक्शन लिया गया। अगर थाने में उसके खिलाफ कभी केस भी दर्ज हुआ तो अदालत से वह बेल ले लेता था। इसके बाद फिर नकली शराब का धंधा शुरू कर देता था.

error: Content is protected !!
Exit mobile version