
पटना, एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। बिहार के शिक्षा महकमे ने शिक्षक नियुक्ति की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। टीचर्स रिक्रूटमेंट एग्जामिनेशन (TRE-3) के तहत पटना जिले में कुल 2,683 शिक्षकों की नियुक्ति कर दी गई है। सफल अभ्यर्थियों को विद्यालय आवंटन और योगदान पत्र भी जारी कर दिए गए हैं। सभी नव नियुक्त शिक्षकों को 31 मई 2025 तक अनिवार्य रूप से अपने आवंटित स्कूलों में योगदान देना होगा, अन्यथा उनकी नियुक्ति पर संकट खड़ा हो सकता है।
शिक्षकों की यह नियुक्ति पहली कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक के लिए की गई है। इसमें विषय और कक्षा के अनुसार नियुक्तियों की संख्या निम्नलिखित है:
कक्षा | विषय/वर्ग | शिक्षक संख्या |
कक्षा 1–5 | सामान्य व उर्दू | 718 शिक्षक |
कक्षा 6–8 | SST, गणित, विज्ञान, हिंदी, इंग्लिश, संस्कृत | 908 शिक्षक |
कक्षा 9–10 | विषयवार | 562 शिक्षक |
कक्षा 11–12 | विषयवार | 495 शिक्षक |
इस बहाली में सबसे अधिक शिक्षक कक्षा 6 से 8 के लिए नियुक्त किए गए हैं, जिनकी संख्या 908 है। यह दिखाता है कि शिक्षा विभाग ने मध्य विद्यालय स्तर पर शिक्षकों की कमी को प्राथमिकता दी है।
हालांकि इस नियुक्ति प्रक्रिया में स्कूल आवंटन को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। कई ऐसे स्कूलों में नए शिक्षकों की पोस्टिंग कर दी गई है, जहां पहले से ही पर्याप्त संख्या में शिक्षक कार्यरत हैं। दूसरी ओर कई ऐसे विद्यालय भी हैं जहां शिक्षकों की भारी कमी है। लेकिन वहां नियुक्ति नहीं की गई है।
शिक्षकों और शिक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यह असंतुलन विद्यालयों की वास्तविक ज़रूरत और नियुक्ति में समन्वय की कमी को दर्शाता है। इससे शिक्षा व्यवस्था में असंतुलन और काम के बोझ में असमानता की स्थिति बन सकती है।
जिला शिक्षा कार्यालय के अनुसार सभी नव नियुक्त शिक्षकों को 31 मई तक अपने विद्यालयों में योगदान देना अनिवार्य है। इस संबंध में संबंधित बीईओ और स्कूल प्रधान को निर्देश दिए गए हैं कि वे नियुक्त शिक्षकों का योगदान समय से सुनिश्चित करें और उसकी रिपोर्ट जिला शिक्षा कार्यालय को दें।