बिहार शरीफ (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार के सीएम नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जो कैग की रिपोर्ट में शाजिशन एक बड़ा फर्जीबाड़ा किया गया है।
जिले में ऐसी कई योजनाएं हैं, जो कागजी है, लेकिन उसे कैग की रिपोर्ट में सही और कई ऐसी जमीनी योजनाएं हैं, जिसे कैग की रिपोर्ट में फर्जी करार दिया गया है।
इसी तरह का एक मामला नालंदा जिले के नूरसराय प्रखंड के ग्राम पंचायत अजयपुर में 62000 रुपये की लागत से योजना संख्या 5/15- 16 के तहत लगाए गए ट्यूबवेल को लेकर सामने आया है।
जोकि भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक (CAG/कैग) की रिपोर्ट में हुई फर्जीबाड़ा का साफ खुलासा करती है।
कैग द्वारा कहा गया है कि नालंदा जिले के अफसरों ने कागजों पर ट्यूबेल लगा भी दिया। कैग की टीम जब मौके पर पहुंची तो यहां भी उन्हें चौंकाने वाली सच्चाई देखने को मिली। वहां ट्यूबबेल जैसी कोई चीज थी ही नहीं।
उसी प्रकार अजयपुर पंचायत में कई जलनल और चापाकल को लेकर कैग ने फर्जी रिपोर्ट बनाई है। हकीकत में वे बोरिंग और चापाकल चालू हालत में रहे हैं। वे कभी निष्क्रीय हुए ही नहीं।
उन्होंने कहा कि अजयपुर पंचायत के जिन योजनाओं की बात कैग रिपोर्ट और मीडिया खबरों में फर्जी कही गई है, उसका कोई भी जमीनी स्तर पर आकर देख सकते हैं। चुनावी विरोधियों के बदनाम करने करने के लिए मंत्री और सांसद कितनी तुच्छ स्तर की राजनीति करते हैं, इसका भी खुलासा हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि मंत्री और सांसद की प्रायः योजनाओं में भारी अनियमियता बरती गई है। लूट का खुला खेल हुआ है। क्या यह सब देखने में कैग वालों के आँख में अकवन का दूध चला गया है क्या? या फिर भ्रष्टाचार के नुमाइंदों ने उनके आँख में डाल दिया है।