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अब बिहार शिक्षा विभाग के ACS पद से हटाए गए डॉ एस सिद्धार्थ

पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार में एक बार फिर प्रशासनिक स्तर पर बड़ा बदलाव देखने को मिला है। राज्य सरकार ने पांच वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के तबादले का आदेश जारी किया है, जिसने नौकरशाही में हलचल मचा दी है।

सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (ACS) और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ को अब बिहार का विकास आयुक्त नियुक्त किया गया है। इस बदलाव ने शिक्षा विभाग सहित कई महत्वपूर्ण विभागों में नए नेतृत्व की शुरुआत की है।

1991 बैच के आईएएस अधिकारी डॉ. एस. सिद्धार्थ लंबे समय से बिहार सरकार के महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उनकी सादगी ने उन्हें हमेशा चर्चा में रखा है। शिक्षा विभाग में उनके कार्यकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिले, जैसे स्कूलों की मॉनिटरिंग के लिए व्हाट्सएप नंबर जारी करना और तकनीक आधारित निरीक्षण को बढ़ावा देना।

अब उन्हें विकास आयुक्त की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जो बिहार के विकास कार्यों की योजना और कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह कदम न केवल उनकी प्रशासनिक क्षमता को दर्शाता है, बल्कि सरकार के विकास कार्यों को गति देने की मंशा को भी उजागर करता है।

डॉ. एस. सिद्धार्थ के स्थान पर सामान्य प्रशासन विभाग के अपर सचिव डॉ. बी. राजेन्द्र को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। डॉ. राजेन्द्र को पहले भी श्रम संसाधन विभाग में तबादला किया गया था, और अब उनकी नई जिम्मेदारी शिक्षा विभाग में सुधारों को और गति देने की होगी।

शिक्षा विभाग में हाल के वर्षों में कई सुधार हुए हैं, जैसे टोल-फ्री नंबर और व्हाट्सएप के माध्यम से शिकायतों का समाधान, शिक्षकों की छुट्टियों के लिए नई गाइडलाइन और विकास कार्यों को बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड के माध्यम से एकीकृत करना। डॉ. राजेन्द्र के समक्ष चुनौती होगी कि वे इन पहलों को आगे बढ़ाएं और शिक्षा व्यवस्था में गुणवत्ता को और सुदृढ़ करें।

इस प्रशासनिक फेरबदल में अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के भी तबादले किए गए हैं। हरजोत कौर बम्हरा, जो पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की अपर मुख्य सचिव थीं, उन्हें अब बिहार राजस्व परिषद में अध्यक्ष सह सदस्य के रूप में स्थानांतरित किया गया है। वहीं अरविंद कुमार चौधरी, जो गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव थे, उन्हें मंत्रिमंडल सचिवालय के अपर मुख्य सचिव के रूप में नई जिम्मेदारी दी गई है।

डॉ. सिद्धार्थ के शिक्षा विभाग से हटने और विकास आयुक्त बनने से शिक्षा विभाग में कई नीतिगत बदलावों पर असर पड़ सकता है। उनके द्वारा शुरू की गई तकनीक आधारित मॉनिटरिंग और शिकायत निवारण प्रणाली को अब नए नेतृत्व के तहत और मजबूत करने की आवश्यकता होगी। साथ ही विकास आयुक्त के रूप में उनकी भूमिका बिहार के ग्रामीण और शहरी विकास को नई दिशा दे सकती है।

वहीं, डॉ. बी. राजेन्द्र के पास शिक्षा विभाग में सुधारों को जारी रखने की बड़ी जिम्मेदारी होगी। उनकी प्रशासनिक अनुभव और नेतृत्व क्षमता इस दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। ये तबादले बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले किए गए हैं, जिसे एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है।

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