एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। बिहार में नालंदा के डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम और एसपी सुधीर पोरिका ने सोशल मीडिया को लेकर कई तरह के संयुक्त निर्देश जारी किये हैं।
अधिकारी द्व के हस्ताक्षर से समाहरणालय जिला गोपनीय शाखा पत्रांक-6164/17 द्वारा जारी अनुदेश में उल्लेख है कि सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता महत्पूर्ण है, लेकिन ऐसा देखा जा रहा है कि सोशल मीडिया पर समाचार के नाम पर बने ग्रुप तथा अन्य नाम से बने ग्रुप पर कभी-कभी ऐसे समाचार या तत्थ प्रेषित हो रहे हैं, जिनकी सत्यता प्रमाणित नहीं है।
अधिकारी द्वय के अनुसार कई तत्थ बिना पुष्टि के सीधे कट-पेस्ट/ फारवर्ड किये जा रहे हैं। इन सबको ध्यान में रख कर सोशल मीडिया यथा Whatsapp / Facebook / Twitter आदि के एडमिन एवं सदस्यों के लिये निम्नांकित अनुदेश जारी किये जाते हैं….
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ग्रुप एडमिन वहीं बने, जो उस ग्रुप के लिये पूर्ण जिम्मेवारी और उतरदायित्व का वहन करने में समर्थ हों।
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अपने ग्रुप के सभी सदस्यों से ग्रुप एडमिन पूर्णतः परिचित होने चाहिये।
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ग्रुप के किसी सदस्य द्वारा गलत बयानी, बिना पुष्टि के समाचार, जो अफवाह बन जाये, पोस्ट किये जाने पर या सामाजिक समरसता बिगाड़ने वाले पोस्ट पर ग्रुप एडमिन को तत्काल उसका खंडन कर उस सदस्य को ग्रुप से हटाना चाहिये तथा इसकी सूचना तत्काल पुलिस को देनी चाहिये।
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अफवाह, भ्रामक तत्थ, समाजिक समरसता के विरुद्ध तत्थ पोस्ट होने पर संबंधित थाना को भी तत्काल सूचना दी जानी चाहिये।
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ग्रुप एडमिन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं होने पर तथा पुलिस को सूचना नहीं देने पर उन्हें भी इसका दोषी माना जायेगा और उनके विरुद्ध भी कार्रवाई की जायेगी।
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Whatsapp / Facebook / Twitter पर जातीय, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली टिप्पणी करना Vedio / Picture पोस्ट करना तथा ऐसे पोस्टों पर विवादित टिप्पणी करना दंडनीय अपराध है।
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दोषी पाये जाने पर आईटीटी एक्ट तथा भारतीय दंड विधि की सुसंगत धाराओं के तहत कार्रवाई की जायेगी।
अधिकारी द्वय ने इस अनुदेश की प्रतिलिपि नालंदा के सभी एसडीओ, बीडीओ, सीओ, थाना प्रभारी, नालंदा जिला के सभी सोशल मीडिया ग्रुप के एडमिन के आलावे पटना प्रमंडल आयुक्त, पुलिस उप महानिरीक्षक (केन्द्रीय प्रक्षेत्र), पुलिस महानिदेशक (पटना प्रक्षेत्र) को भी प्रेषित की है।