बिहारशरीफ। नालंदा जिले के चंडी थानान्तर्गत रामघाट बाजार में लगातार चोरी की घटनाएं हो रही है। जिसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। चंडी थाना पुलिस चोरों को पकड़ने के बजाय पीड़ित लोगों को यह कह कर लौटा देती है कि वह खुद चोरी करता है और चोरी की झूठी रिपोर्ट लिखाने चला आता है। रामघाट में हीं स्थानीय विधायक हरिनारायण सिंह का पैत्रिक आवास है लेकिन यहां कभी कोई अदद चौकीदार भी नजर नहीं आता। पुलिस पेट्रोलिंग भी खाली कोरम पूरा करते दिखता है।
बीती रात रामघाट बादार में बिजेन्द्र कुमार नामक युवक की पान गुमटी से 3 हजार नकद समेत करीब 10 हजार रुपये की सामग्री चोरी हो गई। चोरों ने गुमटी का दोनों गेट उखाड़कर चोरी की घटना को अंजाम दिया।
विदित हो कि पिछले 15 दिनों के भीतर चौथी चोरी की घटना है। जिससे रामघाट बाजार के दुकानदारों के बीच भय व्याप्त है।
दुकानदार बिजेंद्र प्रसाद ने बताया कि 15 दिनों के अंदर उसके दुकान में यह दूसरी चोरी की घटना है। रामघाट नगरनौसा थाना-चंडी थाना का सीमा क्षेत्र होने की बजह से दोनों थाना की पुलिस गश्ती के दौरान रामघाट बाजार आती है, फिर भी रामघाट बाजार में चोरी की घटनाओं पर उसकी कोई असर नहीं है। इससे पुलिस की मुस्तैदी और उसकी गश्ती भी संदिग्ध दिखती है।
स्थानीय दुकानदारों ने बताया कि चोर बड़ी आसानी से दुकान में चोरी की घटना को अंजाम दे देते हैं और जब दुकानदारों द्वारा चोरी की सूचना संबंधित चंडी थाना को सूचना दी जाती है तो वहां से उल्टे शिकायतकर्ता पर ही ही चोरी का इल्जाम लगा कर भगा दिया जाता है।
रामघाट बाजार के ही मंटू पान पैलेश के मालिक मंटू कुमार का कहना है कि पिछले पखवारे उसकी दुकान में अज्ञात चोरों ने दुकान के उपर का चदरा उखाड़ कर करीब 35 हजार रुपया का सामग्री का चोरी कर लिया। जब इसकी शिकायत करने चंडी थाना गये तो वहां की पुलिस ने खुद चोरी कर थाना में शिकायत दर्ज करने की डांट लगाते हुये भगा दिया गया।
कई दुकानदारों ने बताया कि रामघाट बाजार में चोरो का एक सुनियोजित गिरोह काम कर रहा है।
उन सबों ने बताया कि पिछले 15 दिनों में रामघाट बाजार में सिन्हा होमियोपैथिक, बिजेंद्र पान दुकान, मंटू पान दुकान, नरेश स्वजी दुकान , बीरेंद्र पकड़ा दुकान में चोरी के घटनाओ को अंजाम दे चुके है।
उल्लेखनीय है कि चंडी थाना प्रभारी धर्मेन्द्र कुमार के पदास्थापन के बाद से ईलाके में अपराध के ग्राफ में काफी बढ़ोतरी हुई है। लेकिन अमुनन अपराधों के रिकार्ड दर्ज नहीं किये जाते हैं। जिन मामलों से कमाई होती है, उसे बिचौलिये की भूमिका से रफा-दफा कर दिया जाता है और जिसमें कोई कमाई निहित नहीं होती है या उसमें संलिप्तता होती है, उसे कड़ाई से टरका दिया जाता है।
कई दुकानदारों का यह भी कहना था था कि वे चाह कर भी अपनी दुकान में पूंजी नहीं बढ़ा पा रहे हैं, क्योंकि वे चोरो के आतंक और पुलिस की अकर्मण्यता से भयभीत हैं।
सरेआम चर्चा है कि थाना प्रभारी धर्मेंन्द्र कुमार का काफी ऊंची सत्ता रसुख रखने वालों में शुमार है, इसलिये डीएसपी-एसपी तक कोई कुछ नहीं बिगाड़ पाता। उल्टे उनके ही बिगड़ने की बात खड़ी हो जाती है। स्थानीय मीडिया की सरपरस्ती भी यहां सब गुड़ गोहर कर रखा है।