“कन्हैया ने पार्टी को अंधेरे में रख कर धोखा दिया। वह दगाबाज निकला भाकपा के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि किसी छात्र नेता को सीधे राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जगह दी गई। लोकसभा में पार्टी उम्मीदवार बनाया…
उक्त बातें भाकपा के महासचिव ने पार्टी की 82वें स्थापना दिवस पर कही।
इंडिया न्यूज रिपोर्टर डेस्क। भाकपा के महासचिव ने महागठबंधन में साथ रहने के बाद भी भाकपा के नेताओं को कांग्रेस द्वारा तोड़ने का आपने विरोध दर्ज कराने के सवाल पर कहा कि कांग्रेस में अंतर्विरोध है। वहां कुछ क्लियरिटी नहीं, खुद कंफ्यूज है। वैसे कन्हैया के कांग्रेस में जाने से उन्हें कितना फायदा होगा यह वे जानें, लेकिन भाकपा की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
विधानसभा शताब्दी समारोह में राष्ट्रपति के कार्यक्रम का राजद के बहिष्कार के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी के विधायक शामिल हैं। क्यों बहिष्कार किया इसका जवाब तो राजद नेता ही देंगे।
उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि दलितों, पिछड़ों और गरीबों का वोट तो लेना चाहती है, लेकिन जातीय जनगणना करा उन्हें हक नहीं देना चाहती। देश की आजादी में भाकपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भूमिका निभायी थी।
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