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    Friday, November 22, 2024
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      जेजेबी जज ने शराब तस्करी के आरोपी किशोर को पेश होते ही रिहा किया, क्योंकि…

      नालंदा (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। अपने अजीबोगरीब फैसलों के लिए राष्ट्रीय मीडिया तक सुर्खियाँ बटोर रहे बिहार राज्य के नालंदा जिला किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी मानवेंद्र मिश्रा ने एक बार फिर हैरतअंगेज फैसला दिया है।

      उन्होंने मंगलवार को शराब तस्करी के मामले में पेश एक किशोर को न सिर्फ रिहा किया, बल्कि सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने का भी आदेश दिया।

      इतना ही नहीं, उन्होंने जिला बाल कल्याण के नोडल पुलिस पदाधिकारी को न्यायिक आदेशों को पालन कराने की जवाबदेही सौंपते हुए उनसे प्रतिवेदन देने को कहा और अस्थावां के बीडीओ, सीओ, मुखिया व वार्ड सदस्य को राशन-पानी का इंतजाम करने को कहा है।

      खबर है कि मंगलवार को सारे थाना की पुलिस ने एक किशोर को शराब तस्करी के मामले में पकड़कर किशोर न्याय परिषद कोर्ट में पेश किया था। पूछताछ में किशोर ने जज मिश्रा के समक्ष अपराध स्वीकार कर लिया।

      किशोर ने बताया कि उसकी चार छोटी-छोटी बहनें व बूढ़ी दादी है। पिता दिन भर शराब के नशे में धुत रहते हैं। उन्हें घर-बार की तनिक चिंता नहीं है। मां की भी मौत हो चुकी है। घर की हालत बहुत ही खराब है।

      कुछ दिन पहले पिता ने तीन वर्षीया छोटी बहन को टॉफी मांगने पर मारपीट व गाली गलौज की थी। इससे वह आहत होकर मजदूरी करने निकल गया। लेकिन, बाहर में कोई काम न मिला।

      इसी दौरान उसकी मुलाकात शराब तस्कर महेंद्र ढांढ़ी से हुई। उसने 100 रुपए देते हुए शराब भरे जार को लेकर बाइक पर महेंद्र केवट के साथ जाने को कहा। जाने के दौरान ही पुलिस के हत्थे चढ़ गया।

      पुलिस ने भी किशोर के कथन का समर्थन करते हुए रिपोर्ट सौंपी है। साथ ही, विधि परीविक्षा पदाधिकारी ने भी बच्चों के घर की खराब हालत खराब होने की पुष्टि की है।

      खबरों के मुताबिक मां की मौत के बाद से ही चार छोटी-छोटी बहनें व बूढ़ी दादी के पालन-पोषण की जवाबदेही किशोर पर है। बूढ़ी दादी इधर-उधर से कुछ दाना-पानी की व्यवस्था करती है। लेकिन, छह सदस्यीय परिवार के लिए यह नाकाफी होता है।

      पहले आरोपी किशोर के पिता फूल माला बनाकर पैसे कमा लेते थे। लॉकडाउन के कारण उसकी भी कमाई बंद हो चुकी है। उसपर वो शराबी हैं। पकड़े जाने पर कातर स्वर में किशोर ने जज से कहा कि ‘मुझे जेल मत भेजिए, मेरी बहनें मर जाएंगी।

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