-: मुकेश भारतीय / एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क :-
आसन्न झारखंड आम विधानसभा चुनाव-2019 में इस बार प्रायः सभी सीटों पर उल्टा-पुल्टा नजारा दिख रहा है। हर राजनीतिक विश्लेषक के आकंलन से इतर सारे समीकरण ध्वस्त हो गए हैं। भाजपा, आजसू, जेएमएम, जेवीएम, कांग्रेस, राजद, जदयू, लोसपा जैसी राष्ट्रीय व क्षेत्रीय पार्टियों में भारी उथल-पुथल मचा है…..
इसी बीच सबसे बड़ी चुनौती भाजपा के सीएम रघुबर दास को जमशेदपुर पूर्वी सीट मिलने जा रही है। उनके खिलाफ पार्टी के कद्दावर नेता माने जाने वाले कबीना मंत्री सरयु राय ने ताल ठोक दी है। जाहिर है कि यह सीट इस चुनाव का नं.1 हॉट सीट बन गया है।
कैबिनेट मंत्री सरयू राय ने जमशेदपुर पूर्वी और पश्चिमी दोनों सीटों से नामजदगी का पर्चा खरीदा है। वे सोमवार को अपना नामांकन दाखिल करेंगे। दो जगहों से नामांकन फॉर्म खरीदकर उन्होंने यह विकल्प खुला रखा है कि पार्टी टिकट देगी तो वे अपनी सीट जमशेदपुर पश्चिमी से चुनाव लड़ेंगे।
अगर विपरीत हालातों में सरयू राय को पार्टी टिकट नहीं देती है तो वे मुख्यमंत्री रघुवर दास की सीट जमशेदपुर पूर्वी से निर्दलीय चुनाव लड़कर सीएम रघुवर दास को सीधी चुनौती देंगे।
बकौल सरयू राय, उनकी सीट पर सस्पेंस पार्टी ने बनाया हुआ है। उनकी ओर से सस्पेंस सरीखा कुछ नहीं है। नेता प्रतिपक्ष और झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन के बारे में कहा कि वे अच्छे नेता हैं, उन पर ईश्वर की कृपा बनी रहे। वे जहां भी रहें बेहतर करें।
इधर सरयू राय के बागी रुख पर पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड विकास मोर्चा के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि यह भाजपा का अंदरुनी मामला है। उन्होंने कहा कि रघुवर दास और सरयू राय के बीच की तल्खी जगजाहिर है।
बहरहाल, वर्तमान समीकरण में इस बात की भी प्रबल संभावना बनती दिख रही है कि सरयू राय मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ जमशेदपुर पूर्वी से चुनाव मैदान में उतरें।
इसकी वजह अब तक उन्हें भाजपा की ओर से जमशेदपुर पश्चिमी सीट से उम्मीदवार घोषित नहीं किया जाना है। अब तक भाजपा चुनाव प्रत्याशियों की चार सूची जारी हो चुकी है, लेकिन उन सूचियों से सरयू राय का नाम गायब है।
जमशेदपुर पश्चिमी से टिकट नहीं मिलने की स्थिति में वे जमशेदपुर पूर्वी से रघुवर दास के खिलाफ ताल ठोकेंगे। इस बारे में उन्होंने अपने समर्थकों के साथ चर्चा करमन बना लिया है।
ऐसे में सरयू राय पर सबकी नजरें टिकी हैं। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री के खिलाफ अगर सरयू राय ने चुनाव लडऩे की घोषणा करते हैं तो विपक्षी दलों का भी उन्हें साथ मिल सकता है।
हालांकि सरयू राय निर्दलीय चुनाव लडऩे की योजना बना रहे हैं। कहा जा रहा है कि इस संबंध में उन्होंने भाजपा आलाकमान को भी अवगत करा दिया है।
हालांकि उन्हें यह कहा गया है कि जब तक प्रत्याशियों की अंतिम सूची नहीं जारी हो जाती, तब तक वे इंतजार करें, लेकिन उन्हें संभवत: इसका आभास हो गया है कि उनका टिकट कट गया है।
यही कारण है कि उन्होंने मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरने की योजना बनाई है। मुख्यमंत्री रघुवर दास के मंत्रिमंडल में रहने के बावजूद सरयू राय उनका खुलकर विरोध करते रहे हैं।
कई नीतिगत फैसलों पर उन्होंने सरकार की मुखालफत की है। एक वक्त ऐसा भी आया जब लग रहा था कि वे मंत्रिमंडल से त्यागपत्र दे देंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
हालांकि विधानसभा में विपक्षी दलों के हो-हंगामे को आधार बनाकर उन्होंने संसदीय कार्य मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उनका इस्तीफा तत्काल मुख्यमंत्री रघुवर दास ने स्वीकार कर लिया था। सरयू राय फिलहाल रघुवर दास की कैबिनेट में खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री हैं।