पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज़ नेटवर्क)। पिछले साल दशहरा पूजा के दौरान मुंगेर में पुलिस फायरिंग के दौरान एक छात्र अनुराग पोद्दार की मौत हो गई थी।
पटना उच्च न्यायालय ने मामले को सीआईडी को सुपुर्द कर दिया है। इस मामले की सुनवाई 26 अगस्त को होनी है।
इस मामले को लेकर पूर्व आईजी अमिताभ कुमार दास ने सीआईडी के पुलिस अपर महानिदेशक को पत्र लिखकर मांग की है कि सीआईडी के जांच प्रतिवेदन में लिपि सिंह को दोषी मानते हुए उनपर अनुराग हत्या कांड में धारा-302 भादवि के तहत प्राथमिकी दर्ज करने की अनुशंसा की जाएं।
उन्होंने सीआईडी को बताया कि वे चार साल मुंगेर में पदस्थापित रहें है। ऐसे में वहां के दर्जनों पुलिस अधिकारी और कर्मियों ने मुझे बताया कि निर्दोष छात्र अनुराग पोद्दार की मौत के लिए तत्कालीन एसपी लिपि सिंह ही जिम्मेदार है।
सीआईडी को लिखे पत्र में आईपीएस अमिताभ कुमार दास ने आईपीएस लिपि सिंह को ‘ सुशासन की शहजादी ‘ उल्लेख करते हुए कहा कि मुंगेर गोलीकांड में उनकी सहभागिता है।
लेकिन लोग उनके संबंध में खुलकर बात नहीं करते क्योंकि उनके पिता सत्ताधारी दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। वे सीएम के लंगोटिया यार है। पुलिस महकमे में उन्हें ‘सुशासन की शहजादी’ कहा जाता है।
उल्लेखनीय रहे कि 26अक्टूबर, 2020 को मुंगेर में दुर्गा पूजा के मूर्ति विसर्जन के दौरान भारी हंगामा हुआ था। जिसके बाद पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी।इस गोलीकांड में अनुराग पोद्दार की मौत पुलिस की गोली से हो गई थी।
इस पूरे मामले में मृत छात्र अनुराग पोद्दार के परिजन हाईकोर्ट गये। इस मामले में हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए मामले को सीआईडी को सौंप दिया तथा 7 अप्रैल को राज्य सरकार को एक महीने के अंदर पीड़ित परिजन को दस लाख रुपए मुआवजा देने का आदेश दिया था।
हालांकि, इस आदेश के इस राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष याचिका दायर की थी ।जिसे सुप्रीम कोर्ट ने 4 जून को खारिज कर दिया था।