बक्सर-टाटा एक्सप्रेस में लगी आग, लोको पायलट की सूझबूझ से टला बड़ा हादसा

जमशेदपुर (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। झारखंड के जामताड़ा के पास 18184 बक्सर-टाटा एक्सप्रेस में उस समय हड़कंप मच गया, जब ट्रेन की तीसरी बोगी से अचानक लपटें उठने लगीं। इस घटना ने यात्रियों के बीच भय और अफरा-तफरी का माहौल पैदा कर दिया। कई यात्री अपनी जान बचाने के लिए चलती ट्रेन से कूदने लगे। हालांकि, लोको पायलट की त्वरित सूझबूझ और रेलवे स्टाफ की सक्रियता के कारण एक बड़ा हादसा टल गया।
घटना सुबह करीब 10:30 बजे की है, जब बक्सर-टाटा एक्सप्रेस जामताड़ा रेलवे स्टेशन से कुछ किलोमीटर दूर थी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार इंजन के ठीक बाद तीसरी बोगी से धुआं और आग की लपटें दिखाई दीं। आग की सूचना मिलते ही ट्रेन में सवार यात्रियों में घबराहट फैल गई। कुछ यात्रियों ने बोगी से कूदकर अपनी जान बचाने की कोशिश की, जबकि अन्य ने खिड़कियों और दरवाजों से बाहर निकलने की कोशिश की।
लोको पायलट ने तुरंत ट्रेन को रोककर स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया। रेलवे स्टाफ ने तत्परता दिखाते हुए फायर एक्सटिंग्विशर का उपयोग कर आग पर काबू पाया। करीब 45 मिनट की कड़ी मशक्कत के बाद आग को पूरी तरह बुझा लिया गया। गनीमत रही कि इस घटना में किसी तरह के जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है।
आग बुझने के बाद ट्रेन को तकनीकी जांच के लिए जामताड़ा स्टेशन पर रोका गया। प्रारंभिक जांच में आग का कारण शॉर्ट सर्किट माना जा रहा है, हालांकि रेलवे ने इसकी विस्तृत जांच के लिए एक समिति गठित कर दी है। रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और यात्रियों को आश्वासन दिया कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
यह घटना एक बार फिर रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठा रही है। हाल के वर्षों में ट्रेनों में आग लगने की कई घटनाएं सामने आई हैं, जिसके कारण यात्रियों में डर का माहौल है। विशेषज्ञों का कहना है कि पुरानी बोगियों, अपर्याप्त रखरखाव और तकनीकी खामियों के कारण ऐसी घटनाएं हो रही हैं। रेलवे को अपनी बुनियादी संरचना को और मजबूत करने की जरूरत है ताकि यात्रियों का भरोसा बना रहे।
रेलवे ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। अधिकारियों का कहना है कि जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। ट्रेन को करीब 45 मिनट की देरी के बाद दोबारा अपने गंतव्य की ओर रवाना किया गया।