पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार की राजधानी पटना में गंगा नदी पर जेपी सेतु के समानांतर वर्तमान पुल से करीब 180 मीटर पश्चिम में नये एक्स्ट्रा डोज केवल सिक्सलेन पुल का निर्माण अगले महीने तक शुरू हो जायेगा। इस निर्माण से संबंधित सभी कागजी प्रक्रिया पूरी कर चयनित निर्माण एजेंसी को हरी झंडी दे जा चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छह मार्च 2024 को इस पुल का शिलान्यास किया था। इस पुल पर 2027 में आवागमन शुरू होने की संभावना है।
बताया जाता है कि पटना की तरफ पुल पर चढ़ने और उतरने के लिए कुल चार एप्रोच रोड बनाये जायेंगे। इन चारों लूप की लंबाई करीब तीन किमी होगी। इससे सड़क हादसों की संभावना बहुत कम हो जायेगी। इस पुल में रोटरी नहीं बनेगी।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस पुल पर अलग-अलग एप्रोच रोड बनेगा, जो सीधा पाटलि पथ और जेपी गंगा पथ को कनेक्ट करेगा। पाटलि पथ से पुल पर चढ़ने और उतरने के लिए अलग-अलग एप्रोच रोड बनेगा।
साथ ही जेपी गंगा पथ से नये पुल पर चढ़ने और उतरने के लिए अलग-अलग एप्रोच रोड बनेगा। वहीं, इस नये पुल का सोनपुर की तरफ जाने वाला हिस्सा वर्तमान पुल से पश्चिम की तरफ करीब 180 मीटर की दूरी पर बने बांध को कनेक्ट करेगा। वहां करीब सात सौ मीटर लंबाई में एप्रोच रोड बनेगा।
सोनपुर की तरफ वर्तमान सड़क दो लेन चौड़ी है। इसकी चौड़ाई बढ़ाकर फोरलेन की जायेगी। नीचे उतरने के सर्विस रोड की चौड़ाई बढ़ाकर सोल्डर के साथ दो लेन की जायेगी।
उत्तर व दक्षिण बिहार को मिलेगी बेहतर संपर्कः यह पुल एनएच-139 डब्ल्यू पटना से बेतिया सड़क सहित बुद्ध सर्किट का हिस्सा है। करीब 3064.45 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बनने वाले करीब 4.56 किमी लंबे पुल से उत्तर और दक्षिण बिहार को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी।
यह पुल बिहार के उत्तरी हिस्से में औरंगाबाद और सोनपुर एनएच-31), छपरा, मोतिहारी (पूर्व-पश्चिम कॉरिडोर पुराना एनएच-27), बेतिया (एनएच- 727) में एनएच- 139 के माध्यम से पटना से स्वर्णिम चतुर्भुज कॉरिडोर तक सीधी कनेक्टिविटी देगा।
बुद्ध सर्किट में मौजूद वैशाली और पूर्वी चंपारण जिले में केसरिया में बुद्ध स्तूप के लिए यह पुल बेहतर कनेक्टिविटी देगा। इसके अलावा, एनएच-139 डब्ल्यू में प्रसिद्ध अरेराज सोमेश्वरनाथ मंदिर और प्रस्तावित विराट रामायण मंदिर (दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक स्मारक) को कनेक्टिविटी देगा।
वर्तमान पुल पर होती है केवल हल्के वाहनों की आवाजाही : वर्तमान में पटना जिले के दीघा और सारण जिले के सोनपुर के बीच बना रेल सह सड़क पुल दो लेन जेपी सेतु का उपयोग केवल हल्के वाहनों की आवाजाही के लिए होता है। ऐसे में वस्तुओं की ढुलाई सहित व्यवसायिक उपयोग के लिए यहां सिक्सलेन सड़क पुल की जरूरत थी।
निर्माण की गुणवत्ता होगी सुनिश्चितः निर्माण की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए 5डी बिल्डिंग सूचना मॉडलिंग (बीआईएम), ब्रिज ‘हेल्थ मॉनिटरिंग सिस्टम’ (बीएचएमएस), मासिक ड्रोन मैपिंग जैसी नवीनतम तकनीक का उपयोग किया जायेगा। साथ ही इपीसी (इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण) मॉडल पर परियोजना का निर्माण होगा।
गंगा नदी पर अब हो जायेंगे 18 पुलः बिहार राज्य में गंगा नदी पर फिलहाल सात पुल हैं। आगे 11 पुल और बनने से गंगा नदी पर पुलों की संख्या 18 हो जायेगी, इसमे फिलहाल केवल पटना जिला में गंगा नदी पर तीन पुल हैं। अभी गंगा नदी पर बक्सर पुल, आरा-छपरा, जेपी सेतु, महात्मा गाँधी सेतू, राजेंद्र सेतु मुंगेर पुल और विक्रमशिला सेतु है।
इसके साथ ही निर्माणाधीन पुलों में बक्सर में नया पुल, जेपी सेतु के समानांतर पुल के अलावा शेरपुर-दिघवारा गाँधी सेतु के समानांतर पुल, कच्ची दरगाह-बिदुपुर, बख्तियारपुरताजपुर, राजेंद्र सेतु के समानांतर पुल, मटिहानी-शाम्हो पुल, सुल्तानगंज-अगवानी पुल, विक्रमशिला सेतु के समानांतर पुल और मनिहारी-साहेबगंज पुल शामिल हैं।