रांची (इन्द्रदेव लाल)। झारखंड की राजधानी राँची में जमीन लूट का सिलसिला खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। पूर्व उपायुक्त छवि रजंन पर ईडी द्वारा कार्रवाई होने के बाबजूद यहाँ के पदाधिकारी जमीन लुटवाने से बाज नहीं आ रहे हैं।
ताजा मामला राँची जिले के कांके अंचल के अरसंडे मौजा का सामने आया है। अरसंडे मौजा की जिरात मालिक खतियानी दर्ज आरएस प्लॉट संख्या-1276 खाता संख्या- 7 का 52.50 डिसमिल जमीन, जो पशुपालन घोटाले के प्रमुख अभियुक्त डॉ. चन्द्रभूषण दूबे की पत्नी हीराजरी देवी के नाम से है और सीबीआई द्वारा जप्त है, जिसका अंतरण/निबंधन प्रतिबंधित है, नामांतरण घोटाले के नाम पर पूर्व से ही निरस्त है, न्यायालयधीन निर्देशानार्थ है, जिसकी जानकारी सभी पक्षकारों को है, सब जानते हुए भी न्याय एवं प्रशासन की आंख में धूल झोंककर उसका अंतरण निबंधन नामांतरण नक्सा निर्माण हेतु किया गया है।
बता दें कि उक्त संपति का इसके पूर्व नामांतरण मुकदमा संख्या 388R 27/2014-2015 कांके के तात्कालीन सीओ द्वारा इस मंतव्य कि आवेदित भूमि चारा घोटाले से संबंधित है एवं न्यायालय द्वारा जप्त किया गया है। प्रश्नगत भूमि का हस्तातंरण पर रोक लगाने के संबंध में आरक्षी अधीक्षक सीबीआई राँची का पत्र संख्या-2044-210/96 के आलोक में नामातंरण आवेदन अस्वीकृत किया जाता है। इस आधार पर नामांतरण खारिज सर्व साधारण को सूचित किया जा चुका है।
अब सवाल उठता है कि चूकि अब वर्तमान उपायुक्त द्वारा लिखित सूचना मिलने के बाद भी कार्रवाई नहीं किया जाना मौन स्वीकृति का संकेत कर रहा है।