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एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क का ‘सरायकेला टू सहरसा’ रेस्क्यू ऑपरेशन सक्सेस, अंततः बीमार बुजुर्ग तक पहुंचे पुत्र-वधु

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वैश्विक कोरोना वायरस महामारी के बीच एक ओर जहां लगभग पूरी दुनिया लॉकडाउन पर है। हर दिन कहीं न कहीं, किसी न किसी की मौत हो रही है। आलम यह है कि परिजन मृत व्यक्ति तक पहुंच भी नहीं पा रहे है। ऐसे में एक बीमार, लाचार बुजुर्ग तक उनके पुत्र परिजन का पहुंचना संभव नहीं लग रहा था। लेकिन हमारा छोटा सा प्रयास एक बार फिर सफल रहा

एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क टीम का एक और रेस्क्यू ऑपरेशन सक्सेस रहा।  बिहार के सहरसा जिले के महेशी गांव के एक 65 वर्षीय बुजुर्ग देव कृष्ण ठाकुर पिछले 1 सप्ताह से बीमार चल रहे थे। इस दौरान उन्होंने खाना-पीना भी छोड़ दिया था। saharsa mehsi corona 1 1

लॉकडाउन के दौरान उनकी स्थिति और खराब हो गई। उनके दोनों पुत्र झारखंड के सरायकेला जिला के आदित्यपुर बाबा कुटी में रहते हैं। लाख प्रयासों के बाद भी दोनों पुत्र अपने पिता तक नहीं पहुंच पा रहे थे।

दोनों पुत्र ग्रामीणों से अनुनय- विनय कर किसी तरह अपने बीमार पिता की देखभाल करने का अनुरोध करते रहे। इधर एक्सपर्ट मीडिया न्यूज़ नेटवर्क टीम को मामले की जानकारी मिलते ही हमने सबसे पहले सहरसा एसडीओ को पूरे मामले से अवगत कराया।

हालांकि थोड़ी विलंब से ही सही, लेकिन उन्होंने बुजुर्ग का हाल जानने बीडीओ एवं स्वास्थ्य टीम को उनके घर पर भेजा। बीडीओ ने स्थानीय मुखिया को बुजुर्ग का ध्यान रखने का निर्देश दिया। उसके बाद मंगलवार को बुजुर्ग को अस्पताल ले जाने का निर्देश दिया गया।

इधर एक्सपर्ट मीडिया न्यूज़ में खबर छपते ही सरायकेला एसडीओ बशारत कय्यूम हरकत में आए। उन्होंने मानवता की अद्भुत मिसाल पेश की और खुद के पहल से रातो रात चंद्रशेखर ठाकुर को उनकी पत्नी के साथ सहरसा भेजने का प्रबंध किया।

हालांकि बशारत कय्यूम इसका श्रेय लेने से ज्यादा मानवता की सेवा को प्राथमिकता दी है। एक्सपर्ट मीडिया न्यूज़ नेटवर्क मानता है, लेकिन मानवता बगैर अधिकारियों की संवेदना के आज के दौर में संभव नहीं।

लॉकडाउन की अवधि में हजारों ऐसे मामले सामने आए जहां किसी न किसी रूप में जरूरतमंदों तक समय पर सहायता नहीं पहुंच सकी। कारण चाहे जो रहा हो लेकिन इस रेस्क्यू ऑपरेशन में जिस तरह से आपकी संवेदना सामने आई, उससे हम इनकार नहीं कर सकते।

भले बुजुर्ग देव कृष्ण ठाकुर की मौत हो जाए, लेकिन आपके सफल प्रयासों से एक पुत्र अपने पिता तक पहुंच गया। यही बहुत बड़ी बात है। उधर अपने बीमार पिता तक पहुंचने के बाद चंद्रशेखर ठाकुर व उनकी पत्नी सेवा में जुट गए हैं।

चंद्रशेखर ठाकुर ने बताया कि उन्होंने आस छोड़ दी थी, लेकिन एक्सपर्ट मीडिया न्यूज़ नेटवर्क और एसडीओ साहब ने मुझे मेरे बीमार पिता तक पहुंचने में काफी बड़ा योगदान दिया। हम उनका यह एहसान ताउम्र नहीं भूल सकता।

फिलहाल बुजुर्ग देव कृष्ण ठाकुर को उनके पुत्र अस्पताल ले जाने की तैयारी में है। हालांकि स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उनके बचने की उम्मीद कम ही है, लेकिन दवा से ज्यादा दुआ का असर होता है। सब ने मेहनत किया। दुआ में असर होगा। हम उम्मीद करते हैं पिता का साया पुत्र पर बना रहे।

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