“चरनजीत सिंह चन्नी कांग्रेस पार्टी के तीसरी बार के विधायक हैं और यह पहला मौका है, जब किसी दलित को पार्टी ने राज्य में कमान सौंपी है। चन्नी को उनके बेदाग राजनीतिक करियर के लिए जाना जाता रहा है। इससे पहले वह राज्य में नेता विपक्ष की भूमिका भी अदा कर चुके हैं। फिलहाल वह कैप्टन अमरिंदर सिंह की कैबिनेट में तकनीकी शिक्षा मंत्री के तौर पर कामकाज देख रहे थे.…
इंडिया न्यूज रिपोर्टर डेस्क। पंजाब के पावर प्ले में कांग्रेस ने चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम बनाने का फैसला लेकर चौंका दिया है। चरणजीत सिंह चन्नी 1966 में हुए राज्य के पुनर्गठन के बाद से पहले दलित सीएम होंगे।
सुखजिंदर सिंह रंधावा, सुनील जाखड़ और अंबिका सोनी जैसे नेताओं के नाम सीएम की रेस में चल रहे थे, लेकिन चन्नी की दूर-दूर तक चर्चा नहीं थी। ऐसे में उनको सीएम बनाया जाना कांग्रेस की ओर से सरप्राइज माना जार रहा है। वह कैप्टन अमरिंदर सिंह की जगह राज्य का नेतृत्व करेंगे, जिन्होंने शनिवार को ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
पंजाब के कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने ट्वीट कर चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम चुने जाने की जानकारी दी है। रावत ने ट्वीट किया, ‘चरणजीत सिंह चन्नी को कांग्रेस की विधायक दल की मीटिंग में एकमत से सीएम बनाए जाने का फैसला लिया गया है।’
उनके अलावा राज्य में पर्यवेक्षक के तौर पर पहुंचे अजय माकन ने भी ट्वीट किया है कि शाम को 6:30 बजे हरीश रावत और विधायक दल के नए नेता गवर्नर हाउस जाएंगे। माना जा रहा है कि इस मुलाकात में वह राज्य में सरकार के गठन का दावा करेंगे।
इस बीच सीएम बनने की रेस में अब तक आगे बताए जा रहे कांग्रेस नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि यह हाईकमान का फैसला है। रंधावा ने कहा, ‘यह हाईकमान का फैसला है। मैं इसका स्वागत करता हूं। चन्नी मेरे लिए छोटे भाई की तरह हैं। मैं निराश नहीं हूं।’ चरनजीत सिंह चन्नी को सीएम बनाकर कांग्रेस ने एक तरह से चौंकाने का काम किया है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद से ही जिन नामों की चर्चा चल रही थी, उनमें दूर-दूर तक चन्नी रेस में नहीं थे। लेकिन अचानक उनका नाम सामने आने से पूरी बाजी ही पलटती दिख रही है।
कहा जा रहा है कि दलित नेता को सीएम बनाकर कांग्रेस ने बड़ी आबादी को साधने का काम किया है। उन्हें कमान देकर कांग्रेस हिंदू, दलित और सिखों को एक साथ साधने का प्रयास करेगी।
इसके अलावा आपसी गुटबाजी से परे उसने एक ऐसे नेता को कमान दी है, जिसके नाम पर कभी कोई विवाद नहीं रहा है।
राज्य में अकाली दल और बीएसपी ने गठजोड़ का ऐलान किया है। इसके अलावा अकाली दल ने कई बार कहा है कि उसकी सरकार बनी तो वह दलित डिप्टी सीएम देगी।
माना जा रहा है कि कांग्रेस ने अपने इस फैसले से अकाली दल के वादे की काट कर दी है और इससे आगामी चुनाव में उसे बड़ी बढ़त मिलने की संभावना होगी।
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