बेगूसराय (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बेगूसराय में आयोजित 30वें बाल विज्ञान कांग्रेस में जुटे राज्य भर के बाल वैज्ञानिकों ने दुनिया में भारत का डंका बजाने के लिए न केवल विभिन्न परियोजना मॉडल प्रस्तुत किया। बल्कि सभी ने नियमानुसार लोकल टूर के तहत नौलखा मंदिर एवं एमआरजेडी कॉलेज का भी भ्रमण किया।
रविवार की सुबह साइंस फॉर सोसाइटी बिहार एवं आयोजन समिति तथा अपने नवाचारी शिक्षकों के साथ नौलखा मंदिर परिसर पहुंचे बाल वैज्ञानिकों ने जब 1953 में महंत महावीर दास द्वारा निर्मित इस मंदिर को देखा तो सबने कहा अद्भुत कलाकृति। मंदिर के मुख्य गुंबद एवं उसके चारों ओर के गुंबद पर किए गए आकर्षक डिजाइनिंग को देखकर मंत्र मुग्ध हुए बच्चों ने एक-एक पहलुओं की जानकारी ली।
जिला मुख्यालय के विष्णुपुर में स्थित इस मंदिर में मौजूद पुजारी एवं स्थानीय लोगों से मंदिर के निर्माण, इसके इतिहास और वर्तमान स्थिति की जानकारी लेने के बाद बच्चों ने पूरे परिसर का भ्रमण किया।
इस दौरान सेल्फी का भी दौड़ चलता रहा। मंदिर से निकलने के बाद बच्चों ने सामने स्थित पोखर का जब जायजा लिया तो वहां के पोखर के पानी की स्थिति पर भी बड़ा सवाल उठाया।
हालांकि सुखद पहलू यह है की राज्य के 36 जिले से जुटे इन बाल वैज्ञानिकों ने मंदिर के संबंध में रुचि लेते हुए इस कलाकृति के रिसर्च पर भी जिज्ञासा जताई है।
उत्तर बिहार, केंद्रीय बिहार, दक्षिण बिहार और पूर्वोत्तर बिहार के विभिन्न जिलों से आए तमाम बाल वैज्ञानिक एवं उनके नवाचारी शिक्षकों परिसर भ्रमण के बाद जिला मुख्यालय के नौलखा मंदिर के महंत द्वारा ही विष्णुपुर में स्थापित महंत राम जीवनदास महाविद्यालय (एमआरजेडी कॉलेज) का भ्रमण किया।
कॉलेज परिसर पहुंचे बच्चों ने सभी प्रयोगशाला और पुस्तकालय के हर पहलुओं को देखा, परखा और समझा। वहीं, महाविद्यालय परिसर के जल, जीवन और हरियाली पर भी प्रसन्नता जताई।
इस दौरान आयोजन समिति के अध्यक्ष एवं बिहार राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ के संयुक्त सचिव डॉ. सुरेश प्रसाद राय एवं बाल विज्ञान कांग्रेस के जिला समन्वयक हर्षवर्धन कुमार आदि ने उपस्थित वैज्ञानिकों और उनके शिक्षकों को नौलखा मंदिर एवं कॉलेज के सभी पहलुओं से अवगत कराया।
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