Buddha Circuit Fourlane Construction: 31 किमी कम होगी पटना-राजगीर की दूरी
इस परियोजना के पूरा होने से नालंदा और राजगीर क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी। स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे और क्षेत्र का समग्र विकास होगा। साथ ही यह मार्ग बिहार की सड़क कनेक्टिविटी को और मजबूत करेगा, जिससे राज्य के अन्य हिस्सों से संपर्क और बेहतर होगा...

नालंदा (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार में पर्यटन और यातायात को बढ़ावा देने के लिए सालेपुर-नरसंडा-तेलमर-करौटा पथ को फोरलेन (Buddha Circuit Fourlane Construction) के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत 19.43 किलोमीटर लंबे इस मार्ग के निर्माण पर 144 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस पथ का स्थल निरीक्षण किया और अधिकारियों को कार्य में तेजी लाने के साथ-साथ गुणवत्ता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
इस फोरलेन पथ के निर्माण से पटना से राजगीर की दूरी 31 किलोमीटर कम हो जाएगी। वर्तमान में पटना से राजगीर की दूरी लगभग 108 किलोमीटर है, जो इस परियोजना के पूरा होने के बाद मात्र 77 किलोमीटर रह जाएगी। यह मार्ग बिहटा-सरमेरा (एसएच-78) से शुरू होकर सालेपुर, नरसंडा, तेलमर और करौटा होते हुए एनएच-30 (पटना-मोकामा के जगदंबा स्थान मोड़) पर मिलता है। यह पथ राजगीर जाने के लिए एक वैकल्पिक और सुगम मार्ग के रूप में काम करेगा।
- लंबाई और लागत: सालेपुर-नरसंडा-तेलमर-करौटा पथ की लंबाई 19.43 किलोमीटर है, जिसके निर्माण पर 144 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं। वहीं, सालेपुर से राजगीर तक 28 किलोमीटर के फोरलेन निर्माण पर कुल 862.63 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
- एलिवेटेड पथ: प्रस्तावित मार्ग में पड़ने वाली रेलवे लाइन के ऊपर एक एलिवेटेड पथ का निर्माण किया जाएगा, जो यातायात को और सुगम बनाएगा।
- समय और सुविधा: इस फोरलेन मार्ग के बनने से न केवल समय की बचत होगी, बल्कि पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए आवागमन भी आसान हो जाएगा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सालेपुर-नरसंडा-तेलमर-करौटा पथ के साथ-साथ सालेपुर-राजगीर मार्ग के एलायनमेंट का स्थल निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने सालेपुर मोड़, चौहान मोड़, बेलदार और नूरसराय में भी निर्माण कार्य का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कार्य की गति बढ़ाने और गुणवत्ता बनाए रखने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए।
निरीक्षण में जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी, पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार, अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, पटना के डीएम डॉ. चन्द्रशेखर सिंह और डीएम शशांक शुभंकर सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।