पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार दर्शन योजना (Bihar Darshan Yojana) के तहत सहरसा जिले के उत्क्रमित मौनी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कहरा के कक्षा नौवीं के छात्रों को वीरपुर कोसी बराज घुमाने ले जाया गया। परिभ्रमण के दौरान शिक्षकों द्वारा शराब का सेवन और गंदी हरकतों की वजह से यह यात्रा विवादों में घिर गई।
यात्रा के दौरान शिक्षकों ने न सिर्फ शराब पी, बल्कि नेपाल के क्षेत्राधिकार में कोसी बराज पर मछली का सेवन भी किया और छात्राओं के साथ गंदी हरकत भी की। लोगों को इस घटना की जानकारी छात्रों और बस के ड्राइवर ने दी।
बताया जा रहा है कि शराब पीने के बाद कुछ शिक्षकों ने शराब की बोतलें बच्चों की सीटों के नीचे रख दीं और नशे की हालत में अश्लील गाने बजाए। छात्रों ने यह भी बताया कि कुछ शिक्षक और छात्र बस में नाचने लगे और नशे की स्थिति में कुछ छात्रों ने भी छात्राओं के साथ दुर्व्यवहार किया।
इस घटना की जानकारी पाकर कई छात्रों ने 112 पर पुलिस को सूचित किया, लेकिन पुलिस समय पर नहीं पहुंच सकी। मधेपुरा से लौटते वक्त कुछ शिक्षकों ने मौका मिलते ही बस से उतरकर बच निकलने की कोशिश की, जबकि ड्राइवर ने बच्चों को सुरक्षित घर पहुंचा दिया।
अभिभावकों ने किया प्रदर्शन और स्कूल पर जड़ा तालाः रविवार को स्कूल बंद रहने के कारण मामला दबा रहा। लेकिन सोमवार सुबह अभिभावक अपने बच्चों को लेकर स्कूल पहुंचे और मुख्य गेट पर ताला जड़ दिया।
उन्होंने जगह-जगह पोस्टर चिपकाकर शिक्षकों के खिलाफ प्रदर्शन किया और विभागीय अधिकारियों को सूचना दी। जब अधिकारी समय पर नहीं पहुंचे तो गुस्साए ग्रामीणों ने सड़क जाम कर दिया। सभी शिक्षक और शिक्षिकाएं पास के दुर्गा मंदिर परिसर में शरण लेने को मजबूर हो गए।
फिर सीओ राकेश कुमार, थानाध्यक्ष रौशन कुमार और बीइओ नवलकिशोर झा ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को शांत करने का प्रयास किया। उन्होंने आश्वासन दिया कि दोषी शिक्षकों पर कार्रवाई की जाएगी।
इसके बाद अभिभावकों ने स्कूल का ताला खोला। लेकिन इस पूरे घटनाक्रम के कारण चार घंटे तक स्कूल परिसर में अफरातफरी का माहौल बना रहा।
शिक्षकों पर कार्रवाई की मांगः इस दौरान प्रभारी प्रधानाध्यापक अनिल कुमार झा ने भी शिक्षकों द्वारा शराब पीने की बात स्वीकार की और बताया कि दिवाकर कुमार, अभय कुमार, कृष्ण कुमार शांडिल्य और रात्रि प्रहरी छोटूनाथ झा ने शराब पीने की पुष्टि की है।
हालांकि मामले में अनुशासनात्मक कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की गई है। लेकिन स्थानीय अभिभावकों का कहना है कि इस घटना से बच्चों की सुरक्षा को लेकर उनकी चिंताएं बढ़ गई हैं और वे दोषी शिक्षकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
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