अन्य
    Friday, November 22, 2024
    अन्य

      सिक्ख कृपाण और गोरखा खुखरी तो आदिवासी तीर धनुष क्यों नहींः आजसू

      रांची। दुमका के एसपी कॉलेज के हॉस्टल में रखे तीर धनुष को लेकर की गई पुलिसिया कार्रवाई पर रघुवर सरकार में शामिल सत्ताधारी आजसू पार्टी  ने कड़े सबाल उठाये हैं।  

      आजसू विधायक विकास सिंह मुडा  ने साफ तौर पर कहा कि जब राज्य में दूसरे धर्म और सम्प्रदाय के लोग अपनी परम्पराओं और सांस्कृतिक विरासत को मानने के लिए फ्री हैं तो फिर आदिवासी और मूलवासियों के साथ इस तरह का बर्ताव सही नहीं है।

      सीएनटी और एसपीटी संशोधन मामले में मतभेद होने के तुरंत बाद आदिवासियों के हितों के लिए सलाह देने वाली ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल से इस्तीफ़ा देने वाले विधायक ने कहा कि यह एक प्रकार से आदिवासी और झारखण्ड के मूलवासियों की भावना को कैद करने की कोशिश है।

      उन्होंने कहा कि जब इसी राज्य में रहनेवाले सिक्ख कृपाण रख सकते हैं और गोरखा खुखरी रखने को स्वतंत्र हैं तो आदिवासी तीर धनुष क्यों नहीं रख सकता ?

      उन्होंने कहा कि जिस बिरसा मुंडा को हम भगवान मानते हैं, तीर धनुष उन्ही से जुड़ा है। यह कोई हथियार नहीं है, आज तक इसका समुदाय द्वारा गलत इस्तेमाल नहीं किया गया है। अगर किसी ने किया भी तो उसके लिए कानून है, लेकिन इसपर बैन लगाना सही नहीं है।

      सीएनटी और एसपीटी एक्ट में संशोधन के विरोध में 25 नवंबर को झारखण्ड मुक्ति मोर्चा द्वारा बुलाये गए बंद के बाद दुमका के एसपी कॉलेज के हॉस्टल से बड़ी मात्रा में तीर धनुष निकले थे। पुलिस द्वारा की गई इस कार्रवाई की अन्य राजनीतिक दलों ने भी सरकार की आलोचना की है।

      संबंधित खबर

      error: Content is protected !!