“फतवा जारी करने के पहले उनसे पूछना चाहिए था। वह किस नीयत से जय श्रीराम का नारा लगाया, यह उनसे पूछना चाहिए था। वे एक सच्चा मुसलमान हैं।”
पटना (संवाददाता)। आज बिहार जैसे लोकतंत्र के जनक की धरती पर राजनीति में आई गिरावट का सहज अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है भाजपा नीत नीतिश सरकार में मंत्री पद पाने की लालसा में जय श्रीराम के नारा लगाये और कुर्सी मिलने के बाद जब उनकी धार्मिक स्तर पर फजीहत हुई तो माफी भी मांग ली।
जी हां, हम बात कर रहे हैं नीतीश सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद की। उन्होंने इस्लाम से बेदखल कर देने वाले फतवे के बाद माफी मांगी है। उन्होंने कहा है कि जिनको भी मेरी बातों से ठेस पहुंची है मैं उनसे माफी मांगता हूं।
हालांकि फिरोज अहमद ने फतवे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि फतवा जारी करने के पहले उनसे पूछना चाहिए था। वह किस नीयत से जय श्रीराम का नारा लगाया, यह उनसे पूछना चाहिए था। वे एक सच्चा मुसलमान हैं।
बता दें कि इमारत-ए-शरिया के मुफ्ती सुहैल अहमद कासमी ने मंत्री फिरोज अहमद को इस्लाम से बेदखल करने का फतवा जारी किया है। फतवे के अनुसार मंत्री का निकाह भी रद्द कर दिया गया है।
मालूम हो कि बीते 28 जुलाई को विधानसभा में एनडीए की नीतीश सरकार का बहुमत साबित होने के बाद पश्चिमी चंपारण के सिकटा से जदयू विधायक खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद ने विधानसभा परिसर में जय श्रीराम के नारे लगाए थे।
उन्होंने कहा था कि इस्लाम में नफरत की जगह नहीं है। वे राम के साथ रहीम को भी पूजते हैं। खुर्शीद महागठबंधन सरकार में मंत्री थे। वे बिहार की नई सरकार में भी अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री बनाए गए हैं।