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    Sunday, November 24, 2024
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      बस कुछ ही घंटों में लोकायन नदी में यूं ठंढ पड़ जायेगी गर्म हवाओं के बीच तपती रेत

      ” किसी ने सच कहा है कि प्रभु की माया, कहीं धूप कहीं छाया। समूचे झारखंड में जहां पिछले 4 दिनों से जारी भारी बारिश से आम जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है, वहीं बिहार से सटे उसके निचले इलाके भीषण सूखे की स्थिति से गुजर रहा है। ताल-तलैये सब सुखे हैं। धान के बिचड़े झुलस रहे हैं। रोपनी के कार्य ठप हैं। जल स्तर काफी नीचे चले गये हैं।”

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      कभी पानी के हिचकोले खाने वाली रेड़ी पुल में बुंद भर भी पानी नहीं ……

      हिलसा (चन्द्रकांत सिंह)। नालंदा जिले के पश्चिमी हलके की जीवन रेखा माने जानी वाली अब लोकायन नदी में गर्म हवाओं के बीच बालू की रेत उड़ नहीं उड़ेगी। कुछ ही घंटे बाद वहां पानी की तेजधार बहेगी। लोकायन नदी में पानी नहीं आने से उत्पन्न हालात को गंभीरता से लेते आलाधिकारी ने गंभीरता लिया। अधिकारी का प्रयास तब सफल होता दिखा जब उदेरास्थान में बने बाराज से पानी छोड़ने की स्वीकृति वहां के अधिकारियों ने दी।

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      पानी के आभाव में बीरान पड़ा खेत…………

      बराज से जुड़े तकनीकी अधिकारियों की हरी झंडी मिलते ही जिला प्रशासन ऐहतिहात बरतनी शुरु कर दी। लोकायन की तेजधार से उत्पन्न आशंकाओं पर पैनी नजर रखनी शुरु कर दी। संभावित ठिकानों पर न केवल चौकीदार बल्कि कर्मचारियों की तैनाती कर दी गई।

      हिलसा के सीओ सुबोध कुमार और बीडीओ डॉ अजय कुमार दलबल के साथ नदी की पगडंडी पर दौड़ लगानी शुरु कर दी। राहत शिविर और सुरक्षा में तैनात कर्मचारियों को भी मुस्तैद रहने को कहा गया है।

      लोकायन के उफान की पल-पल की रिपोर्ट ले रहे एसडीओ सृष्टि राज सिन्हा ने बताया कि हर स्थिति से निबटने के प्रशासनिक तैयारी की गयी है। किसी प्रकार की जानमाल की क्षति नहीं होगी। संभावित क्षेत्रों में होने वाली खतरों को देखते हुए लोगों को सतर्क करते हुए राहत शिविर में जाने को कह दिया गया है।

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      योगीपुर-कोरावां सड़क पर सोहरापुर पुल के निकट लोकायन नदी में पानी आने के इंतजार में गपशप करते बीडीओ डॉ अजय कुमार एवं सीओ सुबोध कुमार……

      मालूम हो कि हिलसा से होकर गुजरने वाली फल्गु नदी की शाखा लोकायन में आने वाली ऊफान से भले कुछेक इलाकों में क्षति होती है, लेकिन एक बड़ी आबादी को फायदा भी होता है। लोकायन के पानी से ही बड़े भू-भाग में किसान न केवल बेहतर पैदावार का उत्पादन करते बल्कि आमजनों की पेयजल की समस्या भी दूर हो जाती है।

      लोकायन नदी में हर साल जून माह के 20 से 25 तारीख तक पानी आने का पुराना इतिहास रहा है। जबकि इसबार लोकायान में जुलाई 24 तारीख तक एक बूंद भी पानी नहीं आया  पाया था

      लोकायन में पानी नहीं आने से जहां किसान खेती के लिए परेशान हो रहे थे, वहीं आमजनों के बीच पेयजल संकट गहराता जा रहा था। इसके लिए लोग उदेरास्थान में फल्गु नदी में बने बाराज में पानी को रोके रखना मुख्य कारण बताते हुए हक के लिए आंदोलन का मूड बना रहे थे।

      जदयू की बैठक में भी छाया रहा लोकायन का मुद्दा

      प्रदेश में महागठबंधन को लेकर चल रही खींचतान के बीच मंगलवार को हुई जदयू कार्यकर्ताओं की बैठक में भी लोकायन का मुद्दा छाया रहा। शहर के डाकबंगला में हुई जुटे कार्यकर्ताओं ने लोकायन में पानी नहीं आने पर चिंता जतायी।

      प्रेम मुखिया ने कहा कि लोकायन में पानी नहीं आने से हिलसा विधान सभा क्षेत्र का पूरी तरह से प्रभावित हो रहा है। धान की खेती बुरी तरह से प्रभावित हो रही है।

      उन्होंने कहा उदेरास्थान में फल्गु नदी में बने बाराज का पानी नहीं आने का मुख्य कारण बताते हुए प्रशासनिक हस्तक्षेप के लिए आवाज बुलंद की।

      इसके अलावा संगठन को मजबूत करने के लिए भी कार्यकर्ताओं से बारी-बारी से राय ली गयी। कार्यकर्ताओं से मिली राय के अनुरुप ठोस कार्रवाई का भरोसा दिया गया।

      बैठक में जदयू के जिलाध्यक्ष बनारस प्रसाद, कृष्ण मुरारी शरण उर्फ प्रेम मुखिया, शैलेन्द्र कुमार, कुंदन कुमार, ब्रजेश कुमार, राजकुमार प्रसाद, सतीश कुमार, हुमायूंन रशीद अंसारी, सत्येन्द्र कुमार, कविता देवी, अर्चना चौबे, संजय मुखिया, सुखदेव यादव एवं अजय चंद्रवंशी आदि मौजूद थे।

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